#MeToo: कांग्रेस ने पीएम मोदी से कहा- चुप्पी तोड़ो और मांगो अकबर से इस्तीफा
अकबर ने स्वदेश आने के करीब छह घंटे बाद अपना स्पष्टीकरण तो दे दिया है पर इस्तीफा देने का अभी तक कोई संकेत नहीं दिया है
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। यौन उत्पीड़न से जुड़े गंभीर आरोपों में घिरे विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर के मामले में कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस प्रकरण में चुप्पी तोड़ने की मांग कर केंद्रीय मंत्री के खिलाफ कार्रवाई का दबाव बढ़ा दिया है। पार्टी के अनुसार पीएम का ऐसे मामले पर बयान नहीं आता है तो फिर महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के नारे का कोई अर्थ नहीं रह जाएगा।
यौन उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाने वाली महिलाओं के 'मी टू' अभियान में घिरे एमजे अकबर के स्वदेश लौटने के बाद कांग्रेस ने उनके खिलाफ कार्रवाई के मामले को प्रधानमंत्री के पाले में डाल सियासी दबाव का यह दांव चला। अकबर के वापस आने पर भी इस्तीफा नहीं देने या उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं होने के सवाल पर कांग्रेस प्रवक्ता आनंद शर्मा ने कहा कि देश इस मामले में प्रधानमंत्री का नजरिया सुनना चाहता है।
अकबर केंद्रीय मंत्रिमंडल के सदस्य हैं और कैबिनेट के मुखिया होने के नाते यह प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी बनती है कि वह देश को इस मामले पर अपनी सोच बताएं।
आनंद शर्मा ने कहा कि अकबर पर चूंकि अकबर पर गंभीर आरोप लगे हैं इसलिए यह सवाल सरकार की प्रतिष्ठा का नहीं बल्कि उसकी और पीएम पद की मर्यादा का है। पीएम को इस प्रकरण में चुप नहीं रहना चाहिए खासतौर पर यह देखते हुए कि वे तमाम विषयों पर अपनी बात कहते रहे हैं। शर्मा ने कहा कि पीएम के संवाद का आलम यह है कि वे कई बार एकतरफा संवाद से लेकर मन की बात भी कहते हैं और ऐसे में अकबर प्रकरण में उनकी चुप्पी स्वीकार्य नहीं होगी।
अकबर के इस्तीफे की मांग के सवाल पर शर्मा ने कहा कि जयपाल रेड्डी और दूसरे प्रवक्ताओं ने पहले ही कांग्रेस का रुख इस पर साफ कर दिया है और वे उनकी बातों को दुहराते हैं।
गौरतलब है कि जयपाल रेड्डी ने पार्टी की ओर से अकबर के इस्तीफे की मांग उठाते हुए कहा था कि विदेश राज्यमंत्री को यौन उत्पीड़न के आरोपों पर स्पष्टीकरण की जरूरत है और ऐसा नहीं करते हैं तो फिर उन्हें इस्तीफा देना चाहिए।
अकबर ने स्वदेश आने के करीब छह घंटे बाद अपना स्पष्टीकरण तो दे दिया है पर इस्तीफा देने का अभी तक कोई संकेत नहीं दिया है।