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कीर्ति आजाद समेत कांग्रेस के पूर्व सांसद अशोक तंवर भी आज थामेंगे टीएमसी का दामन, कांग्रेस को झटका

क्रिकेटर से राजनेता बने कीर्ति आजाद (Kirti Azad) और कांग्रेस के पूर्व सांसद अशोक तंवर मंगलवार को तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो जाएंगे। कीर्ति इससे पहले भाजपा में थे जबकि अशोक पहले से ही कांग्रेस से नाता छोड़ चुके हैं।

By Kamal VermaEdited By: Published: Tue, 23 Nov 2021 10:27 AM (IST)Updated: Tue, 23 Nov 2021 12:49 PM (IST)
कीर्ति आजाद समेत कांग्रेस के पूर्व सांसद अशोक तंवर भी आज थामेंगे टीएमसी का दामन, कांग्रेस को झटका
कीर्ति आजाद कांग्रेस से पहले भाजपा में भी रह चुके हैं।

नई दिल्‍ली (एएनआइ)। पांच राज्‍यों के विधानसभा चुनाव से पहले ही कांग्रेस को बड़ा झटका लग सकता है। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेसी नेता कीर्ति आजाद और अशोक तंवर मंगलवार को कांग्रेस को छोड़ तृणमूल कांग्रेस का दामन थामेंगे। बता दें कि कीर्ति आजाद कांग्रेस से पहले भारतीय जनता पार्टी में भी रह चुके हैं। दिसंबर 2015 में उन्‍हें भाजपा से बाहर कर दिया गया था। इसकी वजह थी कि उन्‍होंने तत्‍कालीन वित्‍त मंत्री अरुण जेटली पर दिल्‍ली और डिस्ट्रिक क्रिकेट एसोसिएशन (डीडीए) में अनियमितता को लेकर निशाना साधा था। इसको देखते हुए ही उन्‍हें पार्टी ने बाहर का रास्‍ता दिखाया था। 

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वहीं अशोक तंवर की बात करें तो वो कभी राहुल गांधी के करीबी माने जाते थे। कांग्रेस के टिकट से वो सांसद भी रह चुके हैं। इसी वर्ष फरवरी में उन्‍होंने अपना भारत मोर्चा नाम से एक पार्टी बनाई थी। वर्ष 2019 में उन्‍होंने हरियाणा विधानसभा के बाद कांग्रेस की प्राथमिक सदस्‍यता से भी इस्‍तीफा से दिया था। इसके बाद उन्‍होंने दुष्‍यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी को अपना समर्थन दिया था। 

बता दें कि कीर्ति आजाद भाजपा के ही टिकट पर तीन बार बिहार की दरभंगा सीट से निर्वाचित होकर संसद पहुंचे हैं। वर्ष 2014 में उन्‍होंने भाजपा के ही टिकट पर चुनाव लड़ा था और जीता भी था। भाजपा से बाहर किए जाने के बाद उन्‍होंने वर्ष 2018 में  कांग्रेस का दामन थामा था। गौरतलब है कि क्रिकेटर से राजनेता बने कीर्ति आजाद 1983 में वर्ल्‍ड कप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्‍सा भी थे।     

आपको यहां पर ये भी बताना जरूरी है कि टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी सोमवार से दिल्‍ली में हैं। वो यहां पर कांग्रेस की कार्यवाहक अध्‍यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करने वाली हैं। इसके अलावा वो पीएम नरेंद्र मोदी से भी मिलेंगी। उन्‍होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी मिलने का समय मांगा था। इन सभी से ममता की मुलाकात के अलग-अलग मुद्दे हैं। पीएम मोदी से उनकी मुलाकात सीमा सुरक्षा बल का दायरा बढ़ाने को लेकर है, जबकि अमित शाह से उन्‍हें त्रिपुरा में अपनी नेता की गिरफ्तारी के मुद्दे पर मिलना है। सोनिया गांधी से मिलने की वजह कहीं न कहीं आगामी विधानसभा चुनाव हैं। 

कहा जा रहा है कि ममता बनर्जी की मौजूदगी में ही आजाद टीएमसी को ज्‍वाइन करेंगे। बता दें कि ममता इससे पहले जुलाई में तब दिल्‍ली आई थीं, जब उनकी पार्टी ने पश्चिम बंगाल में जबरदस्‍त जीत हासिल की थी। उस वक्‍त भी उन्‍होंने पीएम मोदी से मुलाकात की थी। 


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