महाराष्ट्र में सभी पक्ष अपने रुख पर कायम; पवार ने कहा- पावर से रहेंगे दूर, भाजपा-शिवसेना बनाएं सरकार
शरद पवार ने एक संवाददाता सम्मेलन में स्पष्ट कर दिया कि जनता ने उन्हें विपक्ष में बैठने का जनादेश दिया है। वे महाराष्ट्र में मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाएंगे।
राज्य ब्यूरो, मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार महाराष्ट्र में मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाने की बात कर रहे हैं। कांग्रेस विधायकों का एक गुट भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए शिवसेना के साथ सरकार बनाने को तैयार है और शिवसेना अपनी नई-नई शर्तें भाजपा पर लादती जा रही है लेकिन महाराष्ट्र को नई सरकार कब और किसकी मिलेगी, इसका निर्णय बुधवार को भी नहीं हो सका। हालांकि नौ नवंबर को महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल खत्म होने के चलते गुरुवार को भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी से मुलाकात करने जा रहा है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता सुधीर मुनगंटीवार ने बुधवार को सीएम आवास वर्षा के बाहर बताया कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस के संदेश को लेकर महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल के नेतृत्व में पार्टी का प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से विस्तृत बैठक करेगा। पार्टी ने राज्य में नया पार्टी अध्यक्ष चुनने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। अगली कैबिनेट में चंद्रकांत पाटिल शामिल होंगे। अध्यक्ष चुनने की प्रक्रिया को 31 दिसंबर तक पूरा किया जाएगा। पाटिल को अमित शाह का करीबी माना जाता है। भाजपा के वरिष्ठ नेता सुधीर मुनगंटीवार ने जल्दी ही शुभ समाचार मिलने के संकेत दिए हैं। लेकिन उनकी बात का मजाक उड़ाते हुए शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि वह शिवसेना के मुख्यमंत्री बनने का ही शुभ समाचार देने वाले होंगे।
शिवसेना का 145 विधायकों के साथ सरकार बनाने का दावा
संजय राउत ने भाजपा को यह चुनौती भी दी है कि वह राज्यपाल के पास 145 विधायकों के समर्थन के साथ सरकार बनाने का दावा करे और सरकार बनाकर दिखाए। सूत्रों के अनुसार शिवसेना की मांगें अब ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री तक ही सीमित नहीं हैं। अब वह पहले ढाई साल अपना मुख्यमंत्री बनाने की बात भी करने लगी है। इसके अलावा मंत्रालयों के बंटवारे में बराबर की संख्या में मंत्री एवं महामंडलों और निगमों में आधे-आधे का बंटवारा चाहती है। उसका यह भी कहना है कि भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़े साथी दलों को भाजपा अपने कोटे से ही मंत्रालय दे। जाहिर है, भाजपा के लिए ये शर्तें मानना आसान नहीं होगा।
पवार बोले-विपक्ष में ही रहेंगे
कांग्रेस-राकांपा के भरोसे 175 विधायकों के समर्थन का दावा करती आ रही शिवसेना के नेता संजय राउत से मुलाकात के कुछ ही मिनटों बाद राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने एक संवाददाता सम्मेलन में स्पष्ट कर दिया कि जनता ने उन्हें विपक्ष में बैठने का जनादेश दिया है। वे महाराष्ट्र में मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाएंगे। उन्होंने भाजपा और शिवसेना को जल्द सरकार बनाकर बरसात से परेशान किसानों को जल्द मदद पहुंचाने की भी सलाह दी। पवार ने यह भी स्पष्ट किया कि संजय राउत ने उन्हें सरकार बनाने का कोई प्रस्ताव नहीं दिया है। न ही उनकी पार्टी ने शिवसेना को समर्थन का कोई आश्वासन दिया है। पवार कहते हैं कि राकांपा और कांग्रेस मिलकर भी 100 से आगे नहीं जा रहे हैं, तो हमारी सरकार बनने का तो सवाल ही पैदा नहीं होता। शरद पवार ने भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए उनके स्वयं सीएम बनने के आसार को खारिज करते हुए कहा कि वह चार बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं। अब वह मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे।
कांग्रेस का रुख है अलग
कांग्रेस का रुख अब पवार की मंशा से भिन्न नजर आया। कांग्रेस का एक गुट भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए शिवसेना को समर्थन देने अथवा उसके साथ मिलकर सरकार बनाने को भी तैयार दिख रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चह्वाण एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बालासाहब थोरात ने भी माना कि उनकी पार्टी के कुछ विधायक शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बनाने के इच्छुक हैं। कांग्रेस की एक विधायक यशोमती ठाकुर बुधवार सुबह ही राकांपा अध्यक्ष शरद पवार से उनके घर जाकर मिलीं और कांग्रेस-राकांपा को मिलकर शिवसेनानीत सरकार को समर्थन देने का सुझाव दिया। जबकि शाम को कांग्रेस के राच्यसभा सदस्य हुसैन दलवई शिवसेना मुखपत्र सामना के कार्यालय में जाकर शिवसेना नेता संजय राउत से मिले और वहां से निकलकर बड़े विश्वासपूर्वक बयान दिया कि भाजपा की सरकार नहीं बनने वाली। जबकि कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता इससे पहले सरकार बनाने की प्रक्रिया से दूर रहते हुए विपक्ष में बैठने की बात कर चुके हैं।