कांग्रेस के राजनीतिक एजेंडे में मीडिया भी शामिल, पार्टी ने प्लेनरी सत्र में रणनीति का किया खुलासा
कांग्रेस यह संदेश देना चाहती है कि वह मीडिया की मजबूती और उसकी स्वतंत्रता की पक्षधर है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कांग्रेस को इसका अहसास है कि जमीनी संगठन ही नहीं प्रचार तंत्र में भी वह भाजपा से कमजोर पड़ रही है। ऐसे में कांग्रेस ने अपने महाधिवेशन में मीडिया को भी संबोधित किया। पार्टी यह संदेश भी देना चाहती है, वह मीडिया की मजबूती और उसकी स्वतंत्रता की पक्षधर है। इस पूरी कवायद के पीछे कांग्रेस की रणनीति मीडिया को भाजपा के खिलाफ खड़ा करने की भी है।
-2019 के चुनाव में भाजपा को घेरने का यह होगा अहम हथियार
-कांग्रेस ने प्रस्ताव पारित कर मीडिया की ताकत को कायम रखने का दिया भरोसा
कांग्रेस ने शनिवार को अपने प्लेनरी सत्र में मीडिया की स्वतंत्रता को राजनीतिक मुद्दा बनाकर अपनी इस भावी रणनीति का खुलासा किया है। कांग्रेस का आरोप है कि आज मीडिया पर काले बादल मंडरा रहे है। सरकार की शक्तियों और संसाधनों का दुरुपयोग करके मीडिया की आजादी को खत्म किया जा रहा है।
कांग्रेस पार्टी ने इस दौरान मीडिया के दो बड़े चेहरों को साथ लेकर मीडिया की स्वतंत्रता और स्वरूप को लेकर एक लंबी चर्चा भी की। इसके साथ ही पार्टी ने अपने कैडर को यह संदेश दिया कि मीडिया में जो दिखाया जा रहा है, वही पूरा सच नहीं है। पार्टी कैडर से लोगों तक सही जानकारी पहुंचाने की बात पर भी जोर दिया।
कांग्रेस नेताओं का कहना था कि लोकतंत्र में आलोचना और निडरता से असहमति जताने की क्षमता शामिल है। ऐसे में मीडिया की आजादी को बनाए रखने के लिए के लिए साहसिक फैसले लेने का यह एक चुनौतीपूर्ण समय है।
पार्टी ने इस दौरान मीडिया से भी आग्रह किया कि वह लोकतंत्र की रक्षा के लिए राष्ट्रीय स्तर पर अपने संतुलन को बनाए रखे। खासबात यह है कि कांग्रेस ने पहली बार अपने किसी राजनीतिक फोरम में मीडिया की स्वायत्तता का मुद्दा उठाया है।