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छत्तीसगढ़ में कृषि कानून के विरोध में कांग्रेस का आज राजीव भवन से राजभवन तक पैदल मार्च

केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए तीनों कानूनों में न्यूनतम समर्थन मूल्य को समाप्त करने और किसानों की फसल की खरीदी की वर्तमान व्यवस्था को समाप्त करने की कोशिश को अस्वीकार्य किया जाए। ऐसा कानून बनाया जाए जिससे किसान विरोधी व्यवस्था से निजात पाई जा सके।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Mon, 28 Sep 2020 10:07 PM (IST)Updated: Tue, 29 Sep 2020 12:34 AM (IST)
छत्तीसगढ़ में कृषि कानून के विरोध में कांग्रेस का आज राजीव भवन से राजभवन तक पैदल मार्च
सोनिया ने कहा कि कांग्रेस शासित राज्य किसान विरोधी व्यवस्था से निजात पाने के लिए कानून बनाएं।

रायपुर, राज्य ब्यूरो। कृषि कानून के विरोध में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस मंगलवार को राजभवन तक पदयात्रा करके राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपेगी। कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री चंद्रशेखर शुक्ला ने बताया कि कांग्रेस कार्यकर्ता सुबह 11 बजे राजीव भवन से राजभवन के लिए पैदल निकलेंगे। मार्च में कांग्रेस के सांसद, विधायक, मंत्री और पार्टी पदाधिकारी शामिल होंगे।

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देवांगन ने कहा- नए कृषि कानूनों को लेकर राज्यपाल को सौंपा जाएगा ज्ञापन

कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष गिरीश देवांगन ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार किसानों और मजदूरों को समाप्त करना चाहती है। नए कृषि कानून से किसानों के सामने संकट आने वाला है। किसान मंडी में उपज बेचकर सुरक्षित महसूस करता था, लेकिन अब मंडियां निजी हाथों में चली जाएंगी। इसके साथ ही आवश्यक वस्तु अधिनियम में बदलाव किए जाने से कालाबाजारी को बढ़ावा मिलेगा। इन सब मुद्दों को लेकर राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा जाएगा।

सोनिया ने कहा- कांग्रेस शासित राज्य अधिकार क्षेत्र में केंद्र के अतिक्रमण को सुधारें

इस बीच, कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सभी कांग्रेस शासित राज्यों को सलाह दी है कि अपने-अपने राज्यों के लिए संविधान की धारा 200, 542 के अंतर्गत कानून बनाने की संभावनाएं तलाश करें ताकि केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकार के संविधान प्रदत्त अधिकार क्षेत्र में किए गए अतिक्रमण को सुधारा जा सके।

कांग्रेस शासित राज्य किसान विरोधी व्यवस्था से निजात पाने के लिए कानून बनाएं: सोनिया

उनका निर्देश है कि केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए तीनों कानूनों में न्यूनतम समर्थन मूल्य को समाप्त करने और किसानों की फसल की खरीदी की वर्तमान व्यवस्था को समाप्त करने की कोशिश को अस्वीकार्य किया जाए। ऐसा कानून बनाया जाए जिससे किसान विरोधी व्यवस्था की स्थिति से निजात पाई जा सके। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी एक दिन पहले ही कहा था कि वे कृषि कानून के खिलाफ विधानसभा में नया कानून लाएंगे।


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