कोरोना वायरस की चुनौती से मुकाबले को लेकर मंत्रणा में जुटी कांग्रेस, कई मसलों पर होगी चर्चा
लॉकडाउन के बीच देश में कोरोना से जंग पर चर्चा के लिए कांग्रेस कार्यसमिति की 23 अप्रैल को बुलाई गई बैठक में पार्टी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी निमंत्रित किया गया है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। लॉकडाउन के बीच देश में कोरोना से जंग की कई मोर्चों पर सामने आती चुनौतियों पर चर्चा के लिए कांग्रेस कार्यसमिति की 23 अप्रैल को बुलाई गई बैठक में पार्टी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी निमंत्रित किया गया है। इसमें लॉकडाउन खुलने के बाद कोरोना संक्रमण का ग्राफ बढ़ने की आशंका से लेकर अर्थव्यवस्था, रोजी-रोजगार, उद्योग-कारोबार की चुनौतियों से लेकर गरीबों व प्रवासी मजदूरों के समक्ष गहराते संकट का रास्ता तलाशने के मसलों पर चर्चा होगी।
कोरोना की चुनौती को लेकर अपने स्तर पर सक्रिय कांग्रेस की इस महामारी पर बुलाई गई यह सबसे बड़ी बैठक होगी। वस्तुत: कार्यसमिति की यह विस्तारित बैठक होगी क्योंकि कांग्रेस शासित सूबों के मुख्यमंत्रियों के अलावा सभी स्थाई आमंत्रित और आमंत्रित सदस्यों को भी इसमें शामिल होने का न्यौता भेजा गया है।
सोनिया गांधी की अगुआई में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए होगी बैठक
हालांकि सोशल डिस्टैंसिंग के नियमों का पालन करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अगुआई में यह बैठक वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए होगी। कोरोना संकट को लेकर कार्यसमिति की 2 अप्रैल को पहली बैठक हुई थी जिसमें पार्टी ने देशव्यापी लॉकडाउन के सरकार के कदम का पूरा समर्थन किया था। पार्टी सूत्रों ने कहा कि पंजाब, राजस्थान और छत्तीसगढ जैसे कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री की बैठक में मौजूदगी इसलिए अहम है क्योंकि कोरोना से जंग में इन सूबों ने देश को राह दिखाते हुए बेहतर काम किया है।
पंजाब में बड़ी संख्या में विदेशों से आए नागरिकों की चुनौती के बीच सख्त लॉकडाउन और आवश्यक सेवाओं की चुस्त डिलीवरी की चर्चा है। इसी तरह छत्तीसगढ़ का कोरोना संक्रमण को थामने का प्रभावी तरीका और लॉकडाउन से सबसे ज्यादा प्रभावित गरीबों और मजदूरों को मदद पहुंचाने के मॉडल को कांग्रेस सफल मान रही है। वहीं कोरोना पर ब्रेक लगाने के लिए राजस्थान के भीलवाड़ा मॉडल की तो वैश्विक स्तर पर चर्चा है।
पोस्ट लॉकडाउन कोरोना की चुनौती से निपटने की रणनीति होगी तैयार
कांग्रेस का मानना है कि फिर भी 3 मई को लॉकडाउन खुलने के बाद कोरोना केस की संख्या में इजाफा होने से इनकार नहीं किया जा सकता और सभी राज्यों के साथ देश के लिए यह चुनौती कहीं बड़ी होगी, इसीलिए पार्टी अपने शीर्षस्थ नेताओं और मुख्यमंत्रियों के साथ विचार विमर्श कर पोस्ट लॉकडाउन कोरोना की चुनौती से निपटने की रणनीति तैयार करना चाहती है।
जाहिर तौर पर कांग्रेस शासित राज्यों में इस रणनीति को लागू किया जाएगा तो केंद्र सरकार को भी बतौर सुझाव दिया जाएगा। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी कोरोना के इस संकट के दौरान सियासत को किनारा कर स्वास्थ्य और आर्थिक दोनों मोर्चो पर सरकार को सकारात्मक सुझाव देने पर जोर दे रहे हैं।
पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की अगुआई में गठित कोरोना परामर्श समिति इसके मद्देनजर ही प्रवासी मजदूरों और एमएसएमई क्षेत्र के संकट को समाधान निकालने की सिफारिशें तैयार कर रही है जिन्हें पार्टी सरकार को सौंपने की घोषणा कर चुकी है।