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Delhi Violence: कांग्रेस जांच समिति ने सोनिया गांधी को सौंपी दिल्ली दंगे की रिपोर्ट, भाजपा नेताअों पर लगाया गंभीर आरोप

दिल्ली दंगों का जायजा लेने के लिए गठित कांग्रेस की पांच सदस्यीय टीम ने अपनी जांच रिपोर्ट सोमवार को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंप दी।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Mon, 09 Mar 2020 06:31 PM (IST)Updated: Mon, 09 Mar 2020 06:39 PM (IST)
Delhi Violence: कांग्रेस जांच समिति ने सोनिया गांधी को सौंपी दिल्ली दंगे की रिपोर्ट, भाजपा नेताअों पर लगाया गंभीर आरोप
Delhi Violence: कांग्रेस जांच समिति ने सोनिया गांधी को सौंपी दिल्ली दंगे की रिपोर्ट, भाजपा नेताअों पर लगाया गंभीर आरोप

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कांग्रेस ने दिल्ली दंगों की जांच हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के सीटिंग जज की निगरानी में कराए जाने की मांग की है। पार्टी ने दंगों की जांच के लिए गठित अपनी समिति की रिपोर्ट के आधार पर कहा है कि दिल्ली पुलिस की भूमिका पर उठे सवालों को देखते हुए एसआइटी जांच पर भरोसा नहीं है। साथ ही कांग्रेस ने दंगे भड़काने के लिए भाजपा नेताओं के खिलाफ भी एफआइआर दर्ज किए जाने की मांग भी की है।

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दिल्ली दंगों का जायजा लेने के लिए गठित कांग्रेस की पांच सदस्यीय टीम ने अपनी जांच रिपोर्ट सोमवार को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंप दी। कांग्रेस महासचिव मुकुल वासनिक, दिल्ली के प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल और वरिष्ठ नेता तारिक अनवर ने हाईकमान को रिपोर्ट सौंपने के बाद संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि यह सही है कि दिल्ली पुलिस के भी कई लोग घायल हुए हैं और एक सिपाही की मौत भी हुई। लेकिन दंगा प्रभावित सभी इलाकों में पीडि़तों की आम शिकायत थी कि पुलिस उपद्रव और हिंसा के दौरान ज्यादातर मूकदर्शक ही बनी रही। इसीलिए जांच के लिए बनी दो एसआइटी दंगे नहीं रोक पाने के लिए जिम्मेदार पुलिस के लोगों की भूमिका की पड़ताल करेगी इसमें संदेह है। कांग्रेस की इस जांच टीम में इन तीनों के अलावा कुमारी शैलजा और महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सुस्मिता देव भी शामिल थीं।

केंद्र सरकार अपना राजधर्म निभाने में विफल रही

मुकुल वासनिक ने कहा कि टीम का साफ मानना है कि दिल्ली में दंगों के जो हालात बने उसे रोकने के लिए गृहमंत्री अमित शाह ने कोई प्रयास नहीं किया। वासनिक ने कहा कि केंद्र सरकार अपना राजधर्म निभाने में विफल रही और कांग्रेस गृहमंत्री के इस्तीफे की मांग फिर दोहराती है। दंगों को लेकर अभी तक 690 एफआइआर दर्ज हो चुके हैं लेकिन अनुराग ठाकुर, कपिल मिश्रा, प्रवेश वर्मा और अभय वर्मा जैसे भाजपा नेताओं के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की गई है।

रिपोर्ट में केजरीवाल सरकार को भी कठघरे में खड़ा किया

कांग्रेस की टीम ने रिपोर्ट में केजरीवाल सरकार को भी दंगों को लेकर कठघरे में खड़ा किया है। वासनिक ने कहा कि दिल्ली सरकार ने अपने स्तर पर दंगों को रोकने की कोई पहल नहीं की। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली की जनता ने बड़ा बहुमत देकर विश्वास जताया था मगर वे इस विश्वास पर खरे नहीं उतरे। मुख्यमंत्री ने लोगों के बीच जाकर शांति की पहल नहीं की और न ही दिल्ली सिविल प्रशासन ने दंगाईयों को रोकने के लिए किसी तरह का प्रयास किया।

दुनिया भर में भारत की छवि धूमिल हुई 

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की यात्रा के दौरान 24-25 फरवरी को हुए दंगों से दुनिया भर में भारत की छवि धूमिल हुई है। दंगों की वजह बताते हुए वासनिक ने कहा कि धर्म के नाम पर धुव्रीकरण की भाजपा की विचारधारा ने इसमें सबसे अहम भूमिका निभाई। कांग्रेस की जांच टीम ने पीडि़तों को मुआवजा और जिनका रोजगार छीना है उन्हें ब्याज मुक्त कर्ज तत्काल दिए जाने की भी सिफारिश की है। संसद में दिल्ली दंगों पर चर्चा के दौरान भी कांग्रेस अपनी जांच टीम की सिफारिशों की मांग को उठाएगी।


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