कांग्रेस ने कहा, 'चौकीदार चोर है' नारे का भविष्य में करते रहेंगे इस्तेमाल, सुप्रीम कोर्ट ने थमाया है नोटिस
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से अवमानना नोटिस जारी होने के बावजूद पार्टी का कहना है कि वह चौकीदार चोर है नारे का भविष्य में भी इस्तेमाल करती रहेगी।
नई दिल्ली, प्रेट्र। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से अवमानना नोटिस जारी होने के बावजूद पार्टी का कहना है कि वह 'चौकीदार चोर है' नारे का भविष्य में भी इस्तेमाल करती रहेगी। सुप्रीम कोर्ट में राहुल गांधी का पक्ष रख रहे वरिष्ठ वकील और कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी से इस मामले में स्पष्टीकरण देने को कहा था।
बता दें कि सोमवार को दाखिल विस्तृत स्पष्टीकरण में साफ कहा गया है कि राहुल गांधी, कांग्रेस और अन्य पार्टियों द्वारा यह अभियान पिछले करीब 18 महीनों से जारी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कुछ केंद्रीय मंत्री और अन्य लोग राफेल घोटाले में संलिप्त हैं। इसी संदर्भ में हम लगातार राजनीतिक नारे 'चौकीदार चोर है' का इस्तेमाल करते रहे हैं। पार्टी इसका इस्तेमाल कर भी रही है और आगे भी करती रहेगी। हालांकि हमारा इरादा कभी भी इसे सुप्रीम कोर्ट के निष्कर्षो से जोड़ने का नहीं था।
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी की अवमानना याचिका पर सुनवाई की। राहुल गांधी ने कल सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर के 'चौकीदार चोर है' वाले बयान पर खेद जताया था। लेकिन, सर्वोच्च न्यायालय राहुल गांधी के जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ और उसने कांग्रेस अध्यक्ष को दोबारा नोटिस जारी किया। शीर्ष अदालत अब इस मामले में 30 अप्रैल को सुनवाई करेगी।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की ओर से पैरवी कर रहे वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने भाजपा नेताओं पर इस मामले में राजनीति करने का आरोप लगाया। साथ ही राहुल गांधी के हलफनामे में उन नेताओं के बयानों के दिए ब्योरे की ओर भी अदालत का ध्यान आकर्षित किया। दलीलों के दौरान जब राहुल के वकील सिंघवी ने कहा कि कोर्ट ने उनसे केवल स्पष्टीकरण मांगा था जो दिया जा चुका है। इस पर सीजेआई ने कहा कि यदि आप कह रहे हैं कि नोटिस नहीं जारी हुआ तो अब हम नोटिस जारी कर रहे हैं। इसके साथ ही अदालत ने राहुल को नोटिस जारी कर दिया।
बता दें कि राफेल डील पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बीते दिनों केंद्र सरकार को तगड़ा झटका दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सरकार की आपत्तियों को खारिज कर दिया था। साथ ही अदालत ने पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए राफेल डील से संबंधित तीन दस्तावेजों को सबूत के तौर पर स्वीकार करने की अनुमति प्रदान कर दी थी। सुप्रीम कोर्ट इन दस्तावेजों के आधार पर पुनर्विचार याचिका पर आगे की सुनवाई करेगा।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के आने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने राफेल मामले में कांग्रेस के 'चौकीदार चोर है' के आरोप पर मुहर लगा दी है। इसके बाद भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने राफेल मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देकर राहुल गांधी के बयान को अदालत की अवमानना बताया था। इसके बाद सर्वोच्च न्यायालय ने इस याचिका पर कांग्रेस अध्यक्ष से जवाब मांगा था।