बालाकोट स्ट्राइक की सूचना लीक करने की हो जेपीसी जांच, जानें कांग्रेस कार्यसमिति ने किन प्रस्तावों पर लगाई मुहर
कांग्रेस कार्यसमिति ने शुक्रवार को बालाकोट एयरस्ट्राइक की पूर्व सूचना एक टीवी पत्रकार को दिए जाने के मामले में सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाया साथ ही जेपीसी से जांच की मांग का प्रस्ताव पारित किया। जानें किन प्रस्तावों पर लगी मुहर...
नई दिल्ली, जेएनएन। किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए कांग्रेस कार्यसमिति ने शुक्रवार को तीनों कृषि कानूनों को राज्यसभा में अप्रत्याशित तरीके से पारित कराने पर सवाल उठाते हुए इन्हें निरस्त करने का प्रस्ताव पारित किया है। वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने किसानों के प्रति सरकार के रुख को घोर असंवेदनशील और अहंकारपूर्ण करार देते हुए जमकर हमला बोला। बालाकोट एयरस्ट्राइक की पूर्व सूचना एक टीवी पत्रकार को दिए जाने के मामले में सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाया तो कार्यसमिति ने जेपीसी से जांच की मांग का प्रस्ताव पारित किया।
जल्दबाजी में पारित कराए कृषि कानून
कांग्रेस के संगठन चुनाव से लेकर संसद सत्र के सियासी मुद्दों पर चर्चा के लिए बुलाई गई कार्यसमिति की वर्चुअल बैठक की शुरुआत करते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि किसानों के साथ सरकार की मौजूदा बातचीत से साफ है कि तीनों कृषि कानूनों को जल्दबाजी में पारित कराया गया। विशेषकर राज्यसभा में अप्रत्याशित तरीके से इसे पारित कराया गया। कांग्रेस शुरू से तीनों कानूनों को इसलिए खारिज कर रही है क्योंकि इससे खाद्य सुरक्षा के तीनों मजबूत आधार न्यूनतम समर्थन मूल्य, सरकारी खरीद और जनवितरण प्रणाली ध्वस्त हो जाएंगे।
आंदोलन पर कार्यसमिति ने लगाई मुहर
कार्यसमिति ने भी किसानों के आंदोलन का समर्थन करते हुए प्रस्ताव पारित कर कानूनों को निरस्त करने की मांग की। इसमें कहा गया कि ठंड, ओले और बारिश में दिल्ली की सीमाओं पर लाखों किसान खुले आसमान के नीचे बैठने को मजबूर हैं और 147 किसान अपनी जिंदगी से हाथ धो बैठे हैं लेकिन प्रधानमंत्री और अहंकार में डूबी भाजपा सरकार उनका दर्द व पीड़ा समझने तथा उनकी न्याय की गुहार सुनने तक से इन्कार करती है। कृषि कानूनों के खिलाफ 10 से 28 फरवरी तक कांग्रेस के अगले चरण के आंदोलन पर भी कार्यसमिति ने मुहर लगाई।
अर्नब वाट्सएप चैट मामले में जेपीसी जांच की मांग
बालाकोट एयरस्ट्राइक की पूर्व सूचना से संबंधित टीवी पत्रकार अर्नब गोस्वामी के लीक वाट्सएप चैट को बेहद गंभीर बताते हुए कार्यसमिति ने उनका नाम लिए बिना इसकी जेपीसी जांच कराने और दोषियों को दंडित करने का प्रस्ताव पारित किया। इसमें कहा गया कि इस मामले में महत्वपूर्ण व संवेदनशील सैन्य अभियानों की गोपनीयता का घोर उल्लंघन हुआ है।
राजद्रोह के दोषियों को दी जाए सजा
कार्यसमिति की ओर से पारित प्रस्ताव में कहा गया है कि सरकारी नीतियों पर बाहरी एवं अनैतिक तरीके से दबाव बनाने और न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर हमले के अक्षम्य अपराधों की जानकारी पहली नजर में ही सामने आई है। ऐसे में इसकी जिम्मेदारी सुनिश्चित करने की मांग को दबाया नहीं जा सकता क्योंकि जो लोग राजद्रोह के दोषी हैं उन्हें सजा दी जानी चाहिए।
सूचना लीक करना देशद्रोह : सोनिया
सोनिया ने भी इस पर सरकार को घेरते हुए कहा कि सैन्य अभियान की सूचना लीक करना देशद्रोह है और जो लोग दूसरों को देशभक्ति का सर्टिफिकेट देते हैं, आज उनका पूरी तरह पर्दाफाश हो गया है।
टीकाकरण पर भी पारित हुआ प्रस्ताव
कोरोना का टीका लगवाने को लेकर लोगों की हिचक पर चिंता जाहिर करते हुए पारित प्रस्ताव में कहा गया कि टीकाकरण कार्यक्रम इस तरह चले कि जनता का भरोसा मजबूत हो। साथ ही कांग्रेस की तरफ से नागरिकों से आग्रह किया गया कि वे बिना किसी संकोच के आगे आकर कोरोना का टीका लगवाएं।
गरीबों के लिए मुफ्त वैक्सीन की मांग
प्रस्ताव में तीन करोड़ लोगों को टीका लगाए जाने के बाद सरकार से बाकी नागरिकों के टीकाकरण पर स्पष्ट रूपरेखा देश के सामने रखने और वंचितों व शोषितों खासकर दलित, आदिवासी, पिछड़े वर्गों को मुफ्त टीका लगाने की मांग की गई। कोरोना का टीका खुले बाजार में 2,000 रुपये में बेचे जाने की सूचनाओं पर कहा गया कि आपदा में मुनाफाखोरी की इजाजत नहीं दी जा सकती। वैक्सीन बनाने वाले देश के वैज्ञानिकों और डाक्टरों के प्रयास की सराहना भी की गई।