झारखंड में पार्टी को मजबूत करने की राह पर कांग्रेस, दे सकती है पीएल पुनिया को कमान
राज्यसभा सदस्य पुनिया को कांग्रेस ने 12 जुलाई 2017 को छत्तीसगढ़ का प्रभारी बनाया था। लगभग सवा साल बाद छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव हुआ जिसमें कांग्रेस को 90 में से 68 सीटों पर जीत
रायपुर, नईदुनिया। कांग्रेस के छत्तीसगढ़ प्रभारी पीएल पुनिया को झारखंड का प्रदेश प्रभारी बनाया जा सकता है। ऐसा चर्चा पार्टी के भीतर जोरशोर से चर्चा चल रही है। तर्क दिया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ में पुनिया के प्रदेश प्रभारी रहते हुए कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में बंपर जीत मिली थी। जिस तरह से पुनिया ने छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को संगठनात्मक रूप से मजबूत किया था, पार्टी हाईकमान चाहता है कि उसी तरह से झारखंड में कांग्रेस को मजबूत किया जाए, ताकि वहां वर्ष के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को सफलता मिल सके।
राज्यसभा सदस्य पुनिया को कांग्रेस ने 12 जुलाई 2017 को छत्तीसगढ़ का प्रभारी बनाया था। लगभग सवा साल बाद छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव हुआ, जिसमें कांग्रेस को 90 में से 68 सीटों पर जीत मिली। कांग्रेस की इस जीत के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और घोषणा-पत्र समिति के अध्यक्ष रहे टीएस सिंहदेव को जितना श्रेय दिया जाता है, उतना ही श्रेय पुनिया को भी जाता है।
उन्होंने प्रदेश प्रभारी होने के नाते छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को बूथ स्तर से मजबूत करने का काम किया। गुटों में बंटी कांग्रेस को एक मंच पर लाया। जमीनी कार्यकर्ताओं की पूछ-परख बढ़ाकर उनका मनोबल बढ़ाया। इन कामों से कांग्रेस संगठनात्मक रूप से मजबूत हुई। पार्टी हाईकमान चाहती है कि झारखंड में भी कांग्रेस को संगठनात्मक रूप से मजबूत करके विधानसभा चुनाव लड़ा जाए। वर्तमान में झारखंड की 81 विधानसभा सीटों में से मात्र सात कांग्रेस के पास है।
पुनिया को झारखंड का प्रभारी बनाए जाने की चर्चा इसलिए भी हो रही है, क्योंकि छत्तीसगढ़ में सत्ता और संगठन के बीच कुछ खटास देखने को मिल रही है। पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम यह तक कह चुके हैं कि संगठन कार्यकर्ताओं और जनता के हिता में सत्ता से लड़ने में पीछे नहीं रहेगा। कई नेताओं का मानना है कि पुनिया सत्ता और संगठन के बीच तालमेल नहीं बना पा रहे हैं।
..तो पुनिया और सिंहदेव की जुगलबंदी रहेगी
पार्टी हाईकमान ने मंत्री टीएस सिंहदेव को झारखंड कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी का अध्यक्ष बनाया है। अगर, पुनिया को झारखंड का प्रभारी बना दिया जाता है, तो उनकी और सिंहदेव की जुगलबंदी विधानसभा चुनाव को देखने को मिलेगी। पुनिया को झारखंड का प्रभारी बनाया गया, तो उनसे छत्तीसगढ़ का प्रभार लिया जाएगा, इस पर अभी कोई संकेत नहीं मिल रहा है। पुनिया के पास दोनों राज्यों का प्रभार हो सकता है या फिर छत्तीसगढ़ को नया प्रभारी भी मिल सकता है।