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मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ में कांग्रेस ने शुरू की नए प्रदेश अध्यक्ष की तलाश

तेलंगाना विधानसभा चुनाव में तमाम दावों के बावजूद रेड्डी और प्रदेश के प्रभारी आरसी खुंटिया का लचर प्रदर्शन हाईकमान को रास नहीं आया है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sat, 29 Dec 2018 08:01 PM (IST)Updated: Sat, 29 Dec 2018 08:01 PM (IST)
मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ में कांग्रेस ने शुरू की नए प्रदेश अध्यक्ष की तलाश
मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ में कांग्रेस ने शुरू की नए प्रदेश अध्यक्ष की तलाश

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव की तैयारी के मद्देनजर कांग्रेस मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ में जल्द ही प्रदेश संगठन की कमान नये चेहरों को देने का फैसला करेगी। पार्टी हाईकमान मध्यप्रदेश में कमलनाथ तो छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के मुख्यमंत्री बनने के बाद लोकसभा चुनाव के समीकरणों का ध्यान रखते हुए नये प्रदेश अध्यक्ष की तलाश कर रहा है। चुनाव नतीजों के बाद राज्यों ही नहीं कांग्रेस के केंद्रीय संगठन में भी जल्द ही फेरबदल को अंजाम दिया जाएगा।

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कमलनाथ-बघेल के मुख्यमंत्री बनने के बाद नये चेहरे को संगठन की कमान देने की तैयारी

पार्टी सूत्रों के अनुसार मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ में प्रदेश अध्यक्ष का फैसला करने के लिए हाईकमान ने अपने स्तर पर कार्यकर्ताओं-नेताओं की फीडबैक लेनी शुरू कर दी है। साथ ही मुख्यमंत्री कमलनाथ और भूपेश बघेल के अलावा दोनों सूबों के वरिष्ठ नेताओं से भी चर्चा का सिलसिला शुरू हो गया है। हालांकि अभी किसी नाम विशेष पर चर्चा नहीं हुई है मगर यह संकेत जरूर है कि दोनों सूबों में प्रदेश कांग्रेस की कमान ऐसे चेहरे को दिए जाने पर गौर किया जा रहा जिसकी प्रदेश में राजनीतिक कद हो। साथ ही सूबे में सरकार और संगठन के बीच बेहतर तालमेल कर कांग्रेस का जमीनी आधार बढ़ाने में भी सक्षम हो।

केंद्रीय संगठन में भी होंगे कुछ फेरबदल, ज्योतिरादित्य को मिल सकती है जगह

कमलनाथ और बघेल के सीएम बनने के बाद इस विकल्प पर भी विचार किया जा रहा कि संगठन की कमान अपेक्षाकृत युवा चेहरे को सौंपना बेहतर होगा। हालांकि मध्यप्रदेश में अब ज्योतिरादित्य सिंधिया इसके लिए इच्छुक नहीं हैं। माना जा रहा कि कांग्रेस के राष्ट्रीय संगठन में होने वाले फेरबदल में सिंधिया को बतौर महासचिव मध्यप्रदेश के चुनाव में परिश्रम का इनाम दिया जा सकता है।

लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को अपने शीर्ष संगठन में कुछ नई अहम नियुक्तियां करनी होंगी। अशोक गहलोत के राजस्थान का मुख्यमंत्री बनने की वजह से उनका महासचिव पद से मुक्त होना तय है। गहलोत के पास महासचिव के तौर पर सबसे अहम पार्टी संगठन का प्रभार है। अब उनकी जगह किसी दूसरे को यह जिम्मेदारी दी जानी तय है।

राजस्थान में सचिन पायलट के डिप्टी सीएम बनने के बाद भी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद पर लोकसभा चुनाव तक उन्हें बरकरार रखा जाएगा। पायलट सूबे की सरकार में नंबर दो बनने पर इसी शर्त के साथ राजी हुए थे कि संगठन की बागडोर अभी उनके पास ही रहेगी। मगर तेलंगाना में कांग्रेस अपने मौजूदा अध्यक्ष उत्तम कुमार रेड्डी को बदलने के विकल्प पर गौर कर रही है। विधानसभा चुनाव में तमाम दावों के बावजूद रेड्डी और प्रदेश के प्रभारी आरसी खुंटिया का लचर प्रदर्शन हाईकमान को रास नहीं आया है।


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