विजयवर्गीय के बयान पर कांग्रेस ने किया हमला, कहा- भाजपा लोगों के खाने पर नजर रख रही है ?
कांग्रेस नेता सुष्मिता देव ने कहा कि आप सोच सकते हैं कि अगर NPR हुआ तो आम जनता का क्या होगा ?
नई दिल्ली, एएनआइ। भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय के बयान पर हमला बोलते हुए कांग्रेस नेता सुष्मिता देव ने कहा कि अगर भारतीय जनता पार्टी के एक वरिष्ठ नेता इस तरह का बयान कर सकते हैं कि निर्माण मजदूर क्या खाना खा रहे हैं, उस खाने को देखकर उनको लगता है कि वो घुसपैठिये हैं तो आप सोच सकते हैं कि अगर NPR हुआ तो आम जनता का क्या होगा? कैलाश विजयवर्गीय जी के बयान से ये जाहिर होता है कि भाजपा सरकार लोगों के खाने पर भी नजर रख रही है।
BJP नेता कैलाश विजयवर्गीय के बयान पर कांग्रेस नेता,सुष्मिता देव:अगर भारतीय जनता पार्टी के एक वरिष्ठ नेता इस तरह का बयान कर सकते हैं कि कंस्ट्रक्शन लेबर क्या खाना खा रहे हैं,उस खाने को देखकर उनको लगता है कि वो घुसपैठिये हैं तो आप सोच सकते हैं कि अगर NPR हुआ तो आम जनता का क्या होगा pic.twitter.com/pzhTdtWjgS
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 24, 2020
जेड प्लस सुरक्षा प्राप्त विजयवर्गीय ने खुद किया राजफाश
ज्ञात हो कि चौंकाने वाले मामले का खुलासा करते हुए जेड प्लस सुरक्षा प्राप्त भाजपा के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि उनके छोटे बेटे का विवाह अगले महीने है। मजदूर उसका कमरा तैयार कर रहे थे। जब मैं घर पहुंचा तो पांच-छह मजदूर एक ही थाली में पोहे खा रहे थे। मैंने नौकर से पूछा कि उन्हें खाना क्यों नहीं दिया तो नौकर ने कहा कि ये सिर्फ पोहे ही खाते हैं। मैंने मजदूरों से पूछा कि कहां से हो तो वे बता नहीं पाए, क्योंकि उन्हें हिंदी नहीं आती थी। बाद में मैंने ठेकेदार के कर्मचारी से पूछा कि मजदूर कहां के थे तो उसने बताया कि बंगाल के। मैंने बंगाल में जिले का नाम पूछा तो वे कुछ नहीं बता पाए।
छोटे बेटे की शादी की तैयारियों के लिए आए मजदूरों पर शक
अगले दिन ठेकेदार से पूछा कि मजदूर कहां के रहने वाले हैं तो उसने कहा कि शायद दूसरे देश के हैं। मैंने उससे पूछा कि तुम उन्हें मेरे यहां क्यों लाए तो ठेकेदार ने कहा कि वे पैसे कम लेते हैं। सुबह नौ से रात नौ बजे तक काम करते हैं। हम दोनों समय खाना और 300 रुपये देते हैं, जबकि हमारे यहां के मजदूर 600 रुपये लेते हैं। बाद में जब विजयवर्गीय से इस संबंध में सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मैंने इस मामले में शिकायत नहीं की, आशंका थी कि मजदूर बांग्लादेश के हैं। हालांकि, विजयवर्गीय ने यह नहीं बताया कि घटनाक्रम कितने समय पहले का है और वे मजदूर अब कहां हैं।