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कांग्रेस का सरकार पर हमला- अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए सख्त कदमों की जरूरत

आनंद शर्मा ने कहा आर्थिक संकट को रोकने के लिए समय बीतता जा रहा है-भारत को अपने जीडीपी का पांच से छह फीसद कोरोना से निपटने में लगाना चाहिए।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Mon, 06 Apr 2020 07:31 AM (IST)Updated: Mon, 06 Apr 2020 07:31 AM (IST)
कांग्रेस का सरकार पर हमला- अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए सख्त कदमों की जरूरत
कांग्रेस का सरकार पर हमला- अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए सख्त कदमों की जरूरत

नई दिल्ली, प्रेट्र। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने रविवार को कहा कि अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए सख्त उपायों को जरूरत है। एक गंभीर और दीर्घकालिक आर्थिक संकट को रोकने के लिए समय बीतता जा रहा है। असाधारण परिस्थितियों में असाधारण प्रतिक्रिया की जरूरत का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि सख्त कदम और क्षेत्रवार प्रोत्साहन ही हमें आर्थिक बर्बादी से बचा सकता है।

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उन्होंने ट्विटर पर कहा, पहला पैकेज छोटा था और आर्थिक पुनर्जीवन के लिए बेहद अपर्याप्त भी। राजकोषीय घाटा और मुद्रास्फीति पर विचार नहीं किया जा सकता, क्योंकि इसे स्थगित रखना चाहिए और भारत को अपने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का पांच से छह फीसद कोरोना वायरस संकट से निपटने में लगाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आर्थिक गतिविधियों को पुनर्जीवित करना आवश्यक है, क्योंकि लाखों लोगों की नौकरियां व रोजगार खत्म हो गए हैं। कारखानों और कारोबार को शुरू करने की योजना घोषित की जानी चाहिए और मालवाहक कंटेनरों की अंतरराज्यीय आवाजाही बहाल की जानी चाहिए। अन्यथा आपूर्ति का एक बड़ा संकट पैदा हो जाएगा।

उन्होंने कहा कि दुकानों में आवश्यक वस्तुएं खत्म हो जाएंगी और इससे अर्थव्यवस्था को और गहरा झटका लगेगा। कांग्रेस नेता ने कहा, एक स्फूर्त अर्थव्यवस्था और राष्ट्रीय संकल्प से इस लड़ाई को जीता जा सकता है। उम्मीद है कि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय हित में दिए गए इन रचनात्मक सुझावों पर विचार करेंगे।उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस की चुनौती का सामना करने के लिए भारत एकजुट है और संकट के वक्त में ऐसी एकजुटता स्वाभाविक है। यह उम्मीद और ताकत देती है। उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, हुक्म और थोपे जाने से यह सतही और अर्थहीन हो जाती है। ठोस कार्रवाई की भरपाई सिर्फ बातों से नहीं हो सकती।

मुख्त बातें

भारत को अपने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का पांच से छह फीसद कोरोना वायरस संकट से निपटने में लगाना चाहिए।

दुकानों में आवश्यक वस्तुएं खत्म हो जाएंगी और इससे अर्थव्यवस्था को और गहरा झटका लगेगा


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