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अयोध्या पर केंद्र की याचिका के समय पर कांग्रेस ने उठाए सवाल, ओवैसी भी भड़के

अयोध्या में अविवादित जमीन को उनके मालिकों को सौंपने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर अनुमति मांगने की केंद्र सरकार की मंशा और समय पर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं।

By Nancy BajpaiEdited By: Published: Wed, 30 Jan 2019 08:10 AM (IST)Updated: Wed, 30 Jan 2019 08:10 AM (IST)
अयोध्या पर केंद्र की याचिका के समय पर कांग्रेस ने उठाए सवाल, ओवैसी भी भड़के
अयोध्या पर केंद्र की याचिका के समय पर कांग्रेस ने उठाए सवाल, ओवैसी भी भड़के

नई दिल्ली, प्रेट्र। अयोध्या में अविवादित जमीन को उनके मालिकों को सौंपने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर अनुमति मांगने की केंद्र सरकार की मंशा और समय पर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं। कांग्रेस ने कहा है कि आम चुनाव से दो महीने पहले सरकार की इस पहल का जनता जवाब देगी। हालांकि, कांग्रेस ने यह भी कहा कि जिस जमीन को लेकर 16 साल से यथास्थिति बनी हुई है, उसमें अचानक बदलाव के लिए दायर याचिका पर उसे कुछ नहीं कहना है। यह मामला केंद्र और सुप्रीम कोर्ट के बीच का है।

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'आप अपना मतलब निकालेंगे, देश की जनता अपना मतलब निकालेगी'
कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि 2003 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले में स्पष्ट कहा गया है कि अयोध्या में विवादित जमीन के आसपास की अविवादित जमीन पर यथास्थिति बनाए रखी जाएगी। ऐसे में याचिका दायर करने के पीछे सरकार की मंसा को लेकर सवाल उठते हैं। सिंघवी ने कहा, 'आप अपना मतलब निकालेंगे, देश की जनता अपना मतलब निकालेगी। इसमें सबसे अहम है याचिका दायर करने का वक्त। 16 साल से लंबित मामले में ऐसा क्या हुआ कि सरकार ने 29 जनवरी, 2019 को याचिका दायर की। आप अच्छी तरह समझते हैं कि यह चुनाव या कुछ और कारणों से दायर की गई है।'

ओवैसी ने भी उठाए सवाल 
वहीं, एआइएमआइएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि भाजपा इस मामले में निष्पक्ष न्याय नहीं होने देना चाहती है। उन्होंने कहा कि भाजपा की इस चाल की अनदेखी नहीं की जा सकती। 2003 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि विवादित जमीन पर फैसला होने तक अविवादित जमीन पर यथास्थिति बनाई रखी जाएगी। सरकार भी यह जानती है, लेकिन जानबूझकर न्यायिक प्रक्रिया को बाधित करने की कोशिश कर रही है। सरकार ऐसा करके भाजपा के राजनीतिक भविष्य को बचाना चाहती है।

माकपा ने भी निंदा की 
माकपा ने भी केंद्र सरकार के इस पहल की निंदा की है। पोलित ब्यूरो ने कहा है कि मोदी सरकार ने संघ परिवार को खुश करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।

VHP ने केंद्र के फैसले का किया स्वागत 
जबकि, विश्व हिंदू परिषद ने सरकार के फैसले का स्वागत किया है। विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने एक बयान जारी कर इसे सही दिशा में उठाया गया कदम बताया है। उन्होंने कहा है कि विहिप राम मंदिर के निर्माण के लिए जमीन लेगी।

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