मानसून सत्र को पहले खत्म करने पर कांग्रेस और सरकार आमने-सामने, लगाया संसदीय जवाबदेही से भागने का आरोप
संसद के मानसून सत्र को समय से पहले खत्म करने पर कांग्रेस ने सरकार पर संसदीय जवाबदेही से भागने का आरोप लगाया है। पार्टी ने कहा कि विपक्षी दलों के संसद में अग्निपथ से लेकर चीन के घुसपैठ के मुद्दे पर बहस की मांग कर रहे थे।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली: संसद के मानसून सत्र को समय से पहले खत्म करने पर कांग्रेस ने सरकार पर संसदीय जवाबदेही से भागने का आरोप लगाया है। पार्टी ने कहा कि विपक्षी दलों के संसद में अग्निपथ से लेकर चीन के घुसपैठ के मुद्दे पर बहस की मांग कर रहे थे, लेकिन सरकार अपनी विफलता छिपाने के लिए संसद से भाग गई। मानसून सत्र में सिर्फ 12 विधेयक पारित हुए, जबकि सरकार ने 32 विधेयक पेश और पारित कराने की बात कही है। सीमा की सुरक्षा, महंगाई, बेरोजगारी से लेकर श्रीलंका जैसे मसलों पर सवालों के जवाब देने के बजाय मंत्री विपक्ष पर आरोप लगाते रहे। प्रश्नकाल में जवाब देने की जगह मंत्रियों ने विपक्ष सदस्यों को धमकाने का भी प्रयास किया।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ लोकसभा में एक मंत्री ने अभद्र और निंदनीय बर्ताव किया। कांग्रेस के संचार महासचिव जयराम रमेश और लोकसभा में पार्टी के उपनेता गौरव गोगोई ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि प्रधानमंत्री संसद की उत्पादकता की बहुत बड़ी बातें करते हैं मगर सरकार की जवाबदेही सदन में शून्य हो गई है। जवाबदेही के बिना उत्पादकता कोई मायने नहीं रखती। अग्निपथ से राष्ट्रीय सुरक्षा के कमजोर होने, बेरोजगारी, चीन के घुसपैठ जैसे कई मुद्दे थे जिसे कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल उठाना चाहते थे मगर हमारी मांग को बार-बार खारिज किया गया।
सच्चाई यह है कि बीते आठ साल से संसदीय परंपरा और व्यवस्था की सरकार अनदेखी करती आ रही है। गोगोई ने कहा कि सरकार कांग्रेस पर संसद नहीं चलने देने का आरोप लगाती है। सच्चाई यह है कि कांग्रेस 10 और 12 अगस्त को सत्र चलाने के लिए थी, लेकिन सरकार पीछे हट गई। जयराम ने कहा कि भले ही सरकार संसद सत्र से भाग गई हो मगर हम महंगाई से लेकर जनता और राष्ट्र की सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर मोदी सरकार से सवाल करते हुए जवाबदेही मांगते रहेंगे।
सांसदों के अनुरोध पर स्थगित किया गया सत्र : जोशी
संसदीय जवाबदेही से भागने के कांग्रेस के आरोपों पर संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि संसद के मानसून सत्र को सांसदों के अनुरोध को देखते हुए निर्धारित समय से पहले स्थगित किया गया। अनुरोध करने वालों में विपक्ष के सांसद भी शामिल थे। उन्होंने यह भी कहा कि चार नहीं, बल्कि दो दिन पहले मानसून सत्र को स्थगित किया गया है। कांग्रेस के आरोपों के बाद जोशी ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए और कहा कि विपक्ष का एजेंडा केवल व्यवधान डालना और बहिष्कार करना था।
उन्होंने कहा, 'मानसून सत्र चार दिन पहले नहीं स्थगित किया गया, जैसा दावा किया जा रहा है, बल्कि निर्धारित तिथि से दो दिन पहले स्थगित किया गया। यह फैसला विपक्ष सहित विभिन्न सांसदों के अनुरोध के बाद किया गया।'उन्होंने कहा कि विपक्ष ध्यानाकर्षण, नियम 377, शून्यकाल और प्रश्नकाल के माध्यम से कोई भी मुद्दा उठा सकता था। लेकिन महंगाई पर चर्चा के बाद वे मंत्री के जवाब के दौरान वाकआउट कर गए जबकि शुरुआत से ही वे महंगाई पर चर्चा की मांग कर रहे थे।जोशी ने कहा, 'चर्चा तो विपक्ष का दुष्प्रचार था, उनका एजेंडा व्यवधान और बहिष्कार था।'
जांच एजेंसियों के कथित दुरुपयोग को लेकर सदन में कांग्रेस के हंगामे का जिक्र करते हुए, मंत्री ने कहा, 'कथित भ्रष्ट चलन से जुड़े एक परिवार के व्यक्तिगत मुद्दों को संसद का समय बर्बाद कर पार्टी का मुद्दा बनाया जा रहा है। उनकी रुचि लोक हित के बदले एक परिवार की रक्षा में अधिक है।'ईडी ने सोनिया और राहुल से की थी पूछताछ ईडी ने नेशनल हेराल्ड अखबार से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से ऐसे समय में पूछताछ की थी, जब संसद का सत्र चल रहा था। इसी मामले में ईडी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से भी जून में पूछताछ की थी।