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पश्चिम बंगाल से सीताराम येचुरी को राज्यसभा उम्मीदवार बनाने पर कांग्रेस भी सहमत

बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष सोमेन मित्रा और लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी भी येचुरी के समर्थन में दिख रहे हैं।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Sat, 29 Feb 2020 07:55 PM (IST)Updated: Sat, 29 Feb 2020 08:03 PM (IST)
पश्चिम बंगाल से सीताराम येचुरी को राज्यसभा उम्मीदवार बनाने पर कांग्रेस भी सहमत
पश्चिम बंगाल से सीताराम येचुरी को राज्यसभा उम्मीदवार बनाने पर कांग्रेस भी सहमत

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल में निकाय चुनाव सिर पर हैं। कांग्रेस व माकपा दोनों की स्थिति इस समय सूबे में खस्ताहाल है। ऐसे में दोनों एक-दूसरे का सहारा बनकर अपनी-अपनी स्थिति थोड़ी बेहतर करना चाहती हैं। यही वजह है कि राज्यसभा चुनाव में वाममोर्चा-कांग्रेस के संयुक्त प्रत्याशी के रूप में माकपा के राष्ट्रीय महासचिव सीताराम येचुरी को बंगाल कांग्रेस चाह रही है।

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बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष सोमेन मित्रा और लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी भी येचुरी के समर्थन में दिख रहे हैं। बंगाल माकपा येचुरी के नाम पर पहले ही सहमति जता चुकी है। ऐसे में अब कांग्रेस हाईकमान की ओर से संकेत मिलने के साथ ही तीसरी बार येचुरी का राज्यसभा जाना तय माना जा रहा है।

वाममोर्चा के पास नहीं है ज्यादा विधायक

बंगाल विधानसभा में माकपा ही नहीं, पूरे वाममोर्चा के पास इतने विधायक नहीं हैं कि वे अपने बूते अपने किसी प्रत्याशी को राज्यसभा भेज सकें। यही हाल कांग्रेस का भी है, क्योंकि दोनों के पास (तृणमूल कांग्रेस व भाजपा में शामिल हो चुके विधायकों को छोड़कर) महज 24-24 ही विधायक हैं। तृणमूल के पास इतने विधायक हैं कि वह अपने चार प्रत्याशियों को आसानी से लोकसभा भेज सकती है। इसके बाद भी उनके पास 42 विधायकों के वोट बच जाएंगे।

ऐसी स्थिति में अगर कांग्रेस चाहती (जैसा कि पूर्व में प्रदीप भट्टाचार्य और अभिषेक मनु सिंघवी के मामले में हुआ था) तो तृणमूल से हाथ मिलाकर अपने एक और सदस्य को राज्यसभा भेज सकती है, लेकिन इसका असर निकाय चुनाव में माकपा व कांग्रेस गठबंधन पर पड़ सकता है।

राज्यसभा में गठबंधन को मजबूत करना चाहती है कांग्रेस

इसीलिए कांग्रेस येचुरी को राज्यसभा भेजकर गठबंधन को मजबूत करना चाहती है। बंगाल कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता चाहते हैं कि येचुरी का समर्थन किया जाए। सोमेन मित्रा भी इससे सहमत दिख रहे हैं। अधीर रंजन चौधरी ने भी येचुरी का समर्थन करने की बात कही है।

अधीर का कहना है कि पिछली बार भी येचुरी के नाम पर कांग्रेस समर्थन के लिए तैयार थी, लेकिन प्रकाश करात की असहमति की वजह से येचुरी प्रत्याशी नहीं बन पाए थे। लेकिन, इस बार माकपा येचुरी को प्रत्याशी बनाने को तैयार हुई है तो कांग्रेस भी समर्थन को राजी है। प्रदेश कांग्रेस की ओर से माकपा को इसकी जानकारी दे दी गई है।


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