कांग्रेस ने सरकार की नीति पर खड़े किए सवाल, कहा- नोटबंदी-जीएसटी से भी ज्यादा घातक होगा आरसीइपी
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि विमुद्रीकरण और जीएसटी के बाद हमारी अर्थव्यवस्था के लिए यह तीसरा बड़ा झटका होगा जब प्रधानमंत्री अगले महीने बैंकॉक जाएंगे।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कांग्रेस ने मोदी सरकार के क्षेत्रीय समग्र आर्थिक साझेदारी समझौते (RCEP) पर हस्ताक्षर करने की तैयारी का खुला विरोध करने का एलान किया है। पार्टी ने कहा है कि नोटबंदी और जल्दबाजी में लागू किए गए जीएसटी के बाद आरसीइपी पर हस्ताक्षर देश की अर्थव्यवस्था पर तीसरा बड़ा प्रहार होगा। समझौते पर हस्ताक्षर से देश का कृषि और डेयरी उद्योग ही नहीं पूरा-छोटा मध्यम कारोबार तबाह हो जाएगा और चीन के सस्ते वस्तुओं के आयात की बौछार शुरू हो जाएगी। सरकार के इस कदम को आत्महत्या करने सरीखा बताते हुए कांग्रेस ने इसके खिलाफ देशव्यापी आंदोलन करने का भी ऐलान किया है। पार्टी दूसरे विपक्षी दलों को भी सरकार की इस योजना के खिलाफ गोलबंद करने का प्रयास करेगी।
आरसीइपी का पूरी ताकत से विरोध करने की घोषणा
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अगुआई में पार्टी के नये बने चिंतन समूह की पहली बैठक में हुई गंभीर मंत्रणा के बाद पार्टी ने आरसीइपी के विरोध का फैसला किया। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा समेत इस समूह के सभी 18 सदस्य बैठक में मौजूद थे। वरिष्ठ नेता एके एंटनी, जयराम रमेश, केसी वेणुगोपाल और रणदीप सुरजेवाला ने बैठक के बाद संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में आरसीइपी का पूरी ताकत से विरोध करने की घोषणा की। एंटनी ने कहा कि देश गहरे आर्थिक संकट और मंदी के दौर में है और कृषि, उद्योग, व्यापार समेत कोई ऐसा सेक्टर नहीं जो इसकी आंच से बचा हो।
पूर्व रक्षामंत्री ने कहा कि सरकार आर्थिक संकट का हल निकालने की बजाय आरसीइपी करार पर हस्ताक्षर करने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले महीने अपने बैंकाक दौरे में यह करार करेंगे जो देशहित के खिलाफ है।
कारोबार जगत के लिए खतरा है आरसीइपी
जयराम रमेश ने आरसीइपी को भारत के पूरे कारोबार जगत के लिए खतरा बताते हुए कहा कि यह नोटबंदी और जीएसटी से भी ज्यादा घातक होगा। आरसीइपी के 16 देशों में चीन भी शामिल है और इस मुक्त व्यापार समझौते से चीन अपने यहां निर्मित सस्ती वस्तुओं से भारतीय बाजार को पाट देगा। इससे हमारे सभी छोटे-बड़े उद्योग व कारोबार ठप हो जाएंगे और करोड़ों लोग बेरोजगार होंगे।
आरसीइपी के खिलाफ सरकार को लिखा पत्र
आरसीइपी को कृषि और डेयरी उद्योग के लिए विनाशकारी कदम बताते हुए जयराम रमेश ने कहा कि आस्ट्रेलिया से सस्ते गेहूं और चीनी का आयात तो न्यूजीलैंड के सस्ते डेयरी उत्पादों के आयात हमारे किसानों को तबाह कर देंगे। आर्थिक संकट के चलते पहले से ही मुश्किलों से घिरे कृषि क्षेत्र और किसानों के हित के साथ यह खिलवाड़ है। देश के सबसे प्रसिद्ध डेयरी कॉपरेटिव अमूल के प्रमुख ने भी आरसीइपी के खिलाफ सरकार को पत्र लिखा है। चीन के दबाव में भारत के करार पर हस्ताक्षर करने की ओर इशारा करते हुए जयराम ने इसे वुहान और महाबलीपुरम में पीएम नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग की अनौपचारिक बैठक का नतीजा बताया।
आर्थिक मंदी और बेरोजगारी के खिलाफ कांग्रेस की ओर से घोषित आंदोलन
यूपीए सरकार ने भी मुक्त व्यापार समझौता किया था तो फिर क्या कांग्रेस उदारीकरण पर यू-टर्न ले रही है? जयराम ने इस पर सफाई दी कि कांग्रेस ने तो उदारीकरण की शुरूआत की थी तो रुख पलटने की बात ही नहीं है। कांग्रेस का विरोध भारत को चीनी वस्तुओं के आयात का बाजार बनाने को लेकर है। जयराम के अनुसार यूपीए सरकार ने कभी किसी ऐसे मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किए जिसमें चीन शामिल रहा हो। पार्टी संगठन महासचिव वेणुगोपाल ने कहा कि आर्थिक मंदी और बेरोजगारी के खिलाफ 5 से 15 नवंबर तक पहले से घोषित आंदोलन में अब आरसीइपी की भी मुखर खिलाफत होगी। कांग्रेस इस मुद्दे पर दूसरे विपक्षी दलों को भी एक मंच पर लाकर सरकार को ऐसे आत्मघाती कदम उठाने से रोकेगी।