कांग्रेस का केंद्र सरकार पर आरोप, एनपीआर को एनआरसी से जोड़ने की हो रही कोशिश
कांग्रेस ने कहा कि अगर 2021 की जनगणना के दौरान एनपीआर की इसी तरह कराया जाता है तो यह आपत्तिजनक है। अमित शाह लोगों की नाराजगी के चलते एनआरसी पर गलतबयानी कर रहे हैं।
नई दिल्ली, प्रेट्र। कांग्रेस ने मंगलवार को आरोप लगाया कि सरकार राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) को राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के साथ जोड़ने की कोशिश कर रही है। पार्टी ने इसे खतरनाक और संविधान की धर्मनिरपेक्ष पहचान के खिलाफ करार दिया है।
कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता अजय माकन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एनआरसी को लेकर रामलीला मैदान में जो कहा था, उससे भी बड़ा झूठ अमित शाह का यह कहना है कि एनपीआर और एनसीआर में कोई संबंध नहीं है। प्रधानमंत्री ने कहा था कि देश में एनआरसी लागू करने को लेकर सरकार में चर्चा नहीं हुई है। जबकि, गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि पूरे देश में एनआरसी को लागू किया जाएगा। 2014 में भी तत्कालीन गृह राज्यमंत्री ने इसी तरह का बयान दिया था।
कांग्रेस का आरोप, दोनों को जोड़ने की कोशिश
माकन ने दावा किया कि गृह मंत्रालय की रिपोर्ट में कहा गया है कि एनसीआर की दिशा में एनपीआर पहला कदम है। उन्होंने इसके समर्थन में गृह मंत्रालय की 2018-19 की वार्षिक रिपोर्ट भी दिखाई। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार दोनों को जोड़ने की कोशिश कर रही है। माकन ने कहा कि सरकार अपने ही बनाए जाल में फंस गई है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि अगर 2021 की जनगणना के दौरान एनपीआर की इसी तरह कराया जाता है तो यह आपत्तिजनक है। अमित शाह लोगों की नाराजगी के चलते एनआरसी पर गलतबयानी कर रहे हैं।
माकन ने माना कि कांग्रेस सरकार ने ही एनपीआर को शुरू किया था, लेकिन उसने इसे एनआरसी से नहीं जोड़ा। उन्होंने पूछा कि एनपीआर को एनआरसी से कौन जोड़ रहा है? उन्होंने कहा कि एनपीआर अपने आप में सही है। लेकिन जब उसे एनआरसी से जोड़ा जाता है तो वह खतरनाक बन जाता है। तब वह मानवाधिकारों के खिलाफ भी हो जाता है।
एनपीआर की आड़ में जनता से धोखाधड़ी कर रही केंद्र सरकार: तृणमूल
तृणमूल कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (NPR) की आड़ में देश की जनता से धोखाधड़ी करने और उन्हें बेवकूफ बनाने का आरोप लगाया है। गौरतलब है कि एनपीआर को अपडेट करने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को ही 3,941.75 करोड़ रुपये अनुमोदित किए हैं। तृणमूल ने कहा कि एनपीआर राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) की दिशा में पहला कदम है। एनपीआर देश के 'सामान्य निवासियों' की सूची है। सामान्य निवासी को परिभाषित करते हुए कहा गया है कि इसमें वह व्यक्ति शामिल है, जो पिछले छह महीने या उससे ज्यादा समय से किसी स्थान विशेष पर रह रहा है या वह व्यक्ति, जो किसी स्थान विशेष पर अगले छह महीने या उससे ज्यादा समय तक रहने का इच्छुक है।
तृणमूल के राज्यसभा सदस्य डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि भाजपा की अगुआई वाली केंद्र सरकार देश की जनता के साथ धोखाधड़ी कर रही है। एनपीआर का काम जनगणना के साथ-साथ चलेगा, जिससे लोग उलझन में पड़ जाएंगे। वे सोचेंगे कि यह जनगणना है और एनआरसी की ओर पहला कदम नहीं है। सरकार ने 2014 में लिखित प्रतिक्रिया में कहा था कि एनपीआर हरेक सामान्य निवासी की नागरिकता की स्थिति को प्रमाणित करना है, जो कि एनआरसी की दिशा में पहला कदम है।