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आपसी खींचतान में उलझी कांग्रेस, छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री दावेदारी को लेकर कसमकश

छत्तीसगढ़ में रमन सिंह से मुकाबले के लिए कांग्रेस ने परोक्ष रूप से चार नेतृत्व खड़ा कर दिया है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sun, 18 Nov 2018 08:15 PM (IST)Updated: Sun, 18 Nov 2018 08:15 PM (IST)
आपसी खींचतान में उलझी कांग्रेस, छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री दावेदारी को लेकर कसमकश
आपसी खींचतान में उलझी कांग्रेस, छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री दावेदारी को लेकर कसमकश

आशुतोष झा, नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए रविवार को चुनावी अभियान खत्म हो गया। एक दिन बाद ही जनता फैसला कर देगी कि सत्ता किसके हाथ होगी। फिर से कमल खिलेगा या पंजा के हाथ में किस्मत सौंपेगी। पर उससे बड़ा सवाल यह है कि कांग्रेस कहीं आपसी दंगल में लहूलुहान तो नहीं हो रही है? कुछ यही सवाल मध्य प्रदेश और राजस्थान में भी है। पर छत्तीसगढ़ को लेकर यह सवाल इसलिए ज्यादा लाजिमी है क्योंकि यही वह राज्य है जहां लड़ाई सबसे नजदीकी रही है और इस बार भी मानी जा रही है।

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छत्तीसगढ़ में रमन सिंह से मुकाबले के लिए कांग्रेस ने परोक्ष रूप से चार नेतृत्व खड़ा कर दिया है। जाहिर तौर पर इसके पीछे जातिगत समीकरण भी है। लेकिन इनमें से एक, नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव ने खुद के लिए पीआर कंपनी भी मैदान में उतार दिया है। डिजाइनबाक्स्ड नाम की इस कंपनी को नरेश अरोरा चलाते हैं।

अरोड़ा ने दैनिक जागरण को बताया कि उनकी सोशल मीडिया कंपनी 'सिंहदेव के साथ टाक शो करती है। उनके विधानसभा क्षेत्र अंबिकापुर को लेकर भी अभियान चलाया जा रहा है। इसके कारण सिंहदेव की लोकप्रियता काफी बढ़ी है।' क्या वह मानते हैं कि इस लोकप्रियता के कारण वह कांग्रेस में मुख्यमंत्री दावेदारों में सबसे आगे है? यह सवाल पूछे जाने पर अरोड़ा ने कहा- 'सोशल मीडिया युवाओं के साथ-साथ अब दूसरे वर्गो में भी लोकप्रिय है और मैं दावे के साथ कहता हूं कि इस मंच पर सिंहदेव प्रदेश के दूसरे कांग्रेस नेताओं से काफी आगे हैं।'

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ की लड़ाई बहुत कुछ नेतृत्व को लेकर भी है। पंद्रह साल की सत्ता के बावजूद मुख्यमंत्री रमन सिंह को लेकर जनता बहुत असंतुष्ट नहीं है। वहां कांग्रेस में प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल सरकार के खिलाफ सबसे मुखर रहे हैं, लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने पुराने व वरिष्ठ नेता चरणदास महंत और प्रभावी ओबीसी वर्ग से सांसद ताम्रध्वज साहू को उतारकर प्रदेश नेतृत्व में थोड़ी बेचैनी पैदा कर दी है।

अरोड़ा का कहना है कि वह राजस्थान में सचिन पायलट के लिए काम कर रहे हैं। अरोड़ा का मानना है कि सचिन पहले ही सोशल मीडिया पर लोकप्रिय है और यह उनके लिए लाभदायक है। ध्यान रहे कि राजस्थान में भी सचिन और अशोक गहलोत के बीच चुप्पी के साथ खींचतान जारी है।


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