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Conflict in NCP: नई नहीं है चाचा-भतीजे की अंदरूनी कलह, लंबे समय से दरक रहे रिश्ते

Conflict in NCP लोकसभा चुनाव में शरद पवार द्वारा चुनाव न लड़ने की घोषणा करने के पीछे भी अंदरूनी कलह ही वजह थी। तभी से पार्टी और परिवार के टूटने की शुरूआत हो गई थी।

By Amit SinghEdited By: Published: Sat, 23 Nov 2019 11:55 AM (IST)Updated: Sun, 24 Nov 2019 12:21 AM (IST)
Conflict in NCP: नई नहीं है चाचा-भतीजे की अंदरूनी कलह, लंबे समय से दरक रहे रिश्ते
Conflict in NCP: नई नहीं है चाचा-भतीजे की अंदरूनी कलह, लंबे समय से दरक रहे रिश्ते

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019 के नतीजे सामने आए आज एक महीने पूरा हो चुका है। एक महीने से राज्य में चल रही राजनीतिक उठापटक का आज आश्चर्यजनक तरीके से अंत हो गया। इसके साथ ही मौजूदा राजनीतिक परिवेश में पॉलिटिकल पावर का असमंजस भी खत्म हो गया है। परिणामों की घोषणा के बाद भाजपा-शिवसेना गठबंधन दरकना शुरू हुआ तो सत्ता की चाबी एनसीपी चीफ शरद पवार के हाथ चली गई थी। हालांकि, शनिवार सुबह-सुबह अजीत पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर बता दिया कि असली पावर उनके पास है। एनसीपी चीफ शरद पवार, अजीत के फैसले से असंतुष्ट हैं और उन्होंने ट्वीट कर पार्टी के टूटने की बात कही है।

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शरद पवार का ट्वीट बताता है कि भाजपा ने अजीत पवार के जरिए उनके खेमे में सेंध लगा दी है। माना जा रहा है कि इसके साथ ही चाचा शरद पवार और भतीजे अजीत पवार में पॉलिटिकल पावर को लेकर अंदरूनी कलह भी खुलकर सामने आ गई है। हालांकि, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में ये अंदरूनी कलह कोई नई नहीं है। पहले भी कई बार पार्टी में पावर हस्तांतरण को लेकर अंदरूनी कलह की खबरें सामने आ चुकी हैं।

इसलिए लोकसभा चुनाव नहीं लड़े थे पवार

राजनीतिक जानकारों के अनुसार एनसीपी में पार्टी पर अधिकार को लेकर लंबे समय से चाचा-भतीजे के बीच खींचतान चल रही थी। लोकसभा चुनाव के दौरान जब शरद पवार ने चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा की थी तब भी इस तरह की खबरें सामने आयी थी कि पार्टी पर उनकी पकड़ कमजोर पड़ रही है। इसके बाद अजीत पवार के बेटे पार्थ ने मावल लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान किया तो, परिवार में अंदरूनी कलह की भी कई खबरें सामने आने लगी थीं। पार्थ के चुनाव लड़ने की जिद पर अड़ा होने की वजह से शरद पवार ने अपने चुनाव लड़ने का ऐलान किया था।

लोकसभा चुनाव से बनी थी ये स्थिति

दरअसल शरद पवार, पार्थ की उम्मीदवारी को पहले ही खारिज कर चुके थे। शरद पवार ने पार्थ की उम्मीदवारी को खारिज करते हुए कहा था कि वह सोलापुर जिले की माढा सीट और उनकी बेटी सुप्रिया सुले बारामती से चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसे में अगर एक ही परिवार से तीन लोग चुनाव लड़ेंगे तो पार्टी कार्यकर्ताओं में गलत संदेश जाएगा। साथ ही पार्टी पर परिवारवाद के भी आरोप लगने लगेंगे। इसके बाद भी पार्थ न केवल लोकसभा चुनाव लड़े, बल्कि उन्हें हार का भी सामना करना पड़ा था। हालांकि, शरद पवार ने उस दौरान अंदरूनी कलह की बात को सिरे से खारिज कर दिया था। अब उन्होंने खुद ट्वीट कर घोषणा की है कि पार्टी टूट गई है।

Party and Family Split- सुप्रीया

पार्टी और परिवार के टूटने पर सुप्रीया सुले ने भी मोहर लगा दी है। न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार शनिवार सुबह के घटनाक्रम के बाद सुप्रीया सुले ने भी अपना व्हाट्स एप स्टेटस बदल दिया है। उन्होंने अपने व्हाट्स एप स्टेटस में लिखा है, 'Party and family split'। मतलब पार्टी और परिवार बंट गया है।

घर में ही हारे शरद पवार

शरद पवार ने जब लोकसभा चुनाव न लड़ने की घोषणा की तो पारिवारिक कलह की खबरें सामने आने लगी थीं। इन अटकलों को विराम देने के लिए तब शरद पवार ने कहा था, 'मैनें 14 चुनाव लड़े हैं और कभी नहीं हारा। हमारे परिवार में कोई कलह नहीं है। जो लोग ऐसा माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं, वो कभी कामयाब नहीं होंगे। एक वक्त के बाद आपको राजनीति छोड़ने का विचार करना पड़ता है। इसी वजह से मैनें लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला लिया है।' दरअसल शरद पवार, नहीं चाहते थे कि पारिवारिक कलह की वजह से पार्टी कमजोर हो। तब उन्हें अंदाजा भी नहीं होगा कि विधानसभा चुनावों के बाद वह घर में ही हार जाएंगे। सबसे बड़ी बात कि इसकी घोषणा उन्हें खुद ट्वीट के जरिए करनी पड़ेगी।

अभी बाकी है क्लाइमेक्स

भले ही शरद पवार और सुप्रीया सुले ने पार्टी और परिवार के टूटने की घोषणा कर दी हो, लेकिन शरद पवार को राजनीति का मंझा हुआ खिलाड़ी माना जाता है। शनिवार सुबह अचानक से देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री और अजीत पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इस दौरान शरद पवार और सुप्रीया सुले दोनों शपथ ग्रहण में मौजूद नहीं थे। मीडिया रिपोर्ट्स और न्यूज एजेंसियों के अनुसार शरद पवार ने कहा है कि उन्हें इसके बारे में कोई जानकारी नहीं थी। हालांकि महाराष्ट्र में सरकार बनाने का फार्मूला और एनसीपी से कितने विधायक अजीत पवार के साथ आए हैं, इसकी आधिकारिक घोषणा होना अभी बाकी है। माना जा रहा है कि महाराष्ट्र की राजनीति का क्लाइमेक्स अभी बाकी है। बहुत सी मीडिया रिपोर्ट में कयास लगाए जा रहे हैं कि क्लाइमेक्स में शरद पवार की चौंकाने वाली एंट्री हो सकती है। हालांकि इसकी संभावना काफी कम नजर आ रही है।

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