जयललिता की मृत्यु की जांच कर रहे आयोग ने एम्स के तीनों डॉक्टरों को भेजा समन
तमिलनाडु सरकार ने सितंबर, 2017 में जांच आयोग अधिनियम, 1952 के तहत इस मामले की जांच के लिए आयोग का गठन किया था।
चेन्नई, प्रेट्र। तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता की मृत्यु की परिस्थितियों की जांच करने के लिए गठित जस्टिस ए. अरुमुगस्वामी जांच आयोग ने चेन्नई के अपोलो अस्पताल में अन्नाद्रमुक नेता का परीक्षण करने वाले एम्स के तीन डॉक्टरों को समन किया है। आयोग ने तीनों डॉक्टरों से 23-24 अगस्त को उपस्थित होने को कहा है।
आयोग ने पल्मोनोलॉजी विभाग के डॉक्टर जीसी खिलनानी, एनेस्थेसिया विभाग के प्रोफेसर अंजन त्रिखा और हृदय रोग विभाग के प्रोफेसर नीतीश नायक को समन किया है। जयललिता 22 सितंबर से पांच दिसंबर, 2016 तक चेन्नई के अपोलो अस्पताल में भर्ती रही थीं। इस दौरान तीनों डॉक्टरों ने कई बार उनकी जांच की थी।
आयोग के सूत्रों ने बताया कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के विशेषज्ञ डॉक्टरों के दोनों दिन आयोग के गवाहों के रूप में पूछताछ की जाएगी। सूत्र ने बताया कि समन जारी किया जा चुका है और डॉक्टरों ने उसे स्वीकार भी कर लिया है।
अब तक 75 गवाहों से पूछताछ
आयोग ने अभी तक 75 गवाहों से पूछताछ की है। इसके अलावा सात अन्य लोगों से भी पूछताछ की गई है जिन्होंने स्वयं गवाह बनने की अर्जी सौंपी थी। इन गवाहों में से 30 से ज्यादा के साथ वीके शशिकला के वकील भी जिरह कर चुके हैं। जयललिता की पुरानी सहयोगी शशिकला फिलहाल जेल में बंद है।
अधिकारियों से भी पूछताछ
गौरतलब है कि जिनसे गवाहों के रूप में पूछताछ की गई है उनमें सरकारी और अपोलो अस्पताल के दर्जनों डॉक्टर, पूर्व और मौजूदा सरकारी अफसर व पुलिस अधिकारी शामिल हैं।
अधिनियम के तहत आयोग का गठन
तमिलनाडु सरकार ने सितंबर, 2017 में जांच आयोग अधिनियम, 1952 के तहत इस मामले की जांच के लिए आयोग का गठन किया था। आयोग को इस बात की जांच करनी है कि 22 सितंबर 2016 को किन परिस्थितियों में जयललिता को भर्ती किया गया और पांच दिसंबर 2016 को उनकी मृत्यु होने तक अस्पताल में क्या इलाज मुहैया कराया गया।