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सीएम शिवराज चौहान बोले, समय पर ही हो NEET और JEE की परीक्षाएं, छात्रों का साल न हो बर्बाद

सीएम शिवराज चौहान ने कहा कि NEET और JEE परीक्षाएं समय पर ही आयोजित होनी चाहिए ताकि हमारे छात्रों का एक साल बर्बाद न हो। यह उनके भविष्य के बारे में है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Fri, 28 Aug 2020 04:45 PM (IST)Updated: Fri, 28 Aug 2020 04:45 PM (IST)
सीएम शिवराज चौहान बोले, समय पर ही हो NEET और JEE की परीक्षाएं, छात्रों का साल न हो बर्बाद
सीएम शिवराज चौहान बोले, समय पर ही हो NEET और JEE की परीक्षाएं, छात्रों का साल न हो बर्बाद

भोपाल, एएनआइ। अपने समय पर ही NEET और JEE परीक्षाओं को आयोजित किए जाने को लेकर मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज चौहान ने वकालत की है। उन्होंने कहा कि NEET और JEE परीक्षाएं समय पर ही आयोजित होनी चाहिए ताकि हमारे छात्रों का एक साल बर्बाद न हो। यह उनके भविष्य के बारे में है।

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कोरोना महामारी संकट के दौरान देश में NEET-JEE परीक्षा कराने को लेकर बवाल जारी है। इसको लेकर कई जगह छात्रों ने विरोध प्रदर्शन भी किया है। इस बीच देश के 6 राज्यों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। 6 राज्यों ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल कर सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसले पर पुनर्विचार की अपील की है।

परीक्षा को स्थगित करने की मांग

इन 6 राज्यों में पश्चिम बंगाल, झारखंड. राजस्थान, छत्तीसगढ़ पंजाब और महाराष्ट्र शामिल हैं। इन 6 राज्यों के मंत्रियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है और अदालत के 17 अगस्त के आदेश की समीक्षा करने और सितंबर में होने वाली JEE NEET को स्थगित करने की मांग की।

शिक्षा मंत्री को लिखा गया पत्र

वहीं, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल को पत्र लिखकर आइआइटी-जेईई और नीट की परीक्षाएं स्थगित करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि इन महत्वपूर्ण परीक्षाओं से छात्रों का भविष्य तय होता है। इसमें जल्दबाजी करना उनके भविष्य के साथ-साथ उनकी जिंदगी के लिए भी घातक साबित हो सकता है। मुख्यमंत्री ने पत्र में उल्लेख किया है कि इन परीक्षाओं में सफलता के लिए छात्र कड़ी मेहनत करते हैं।

गौरतलब है कि देशभर में JEE-NEET परीक्षाओं को लेकर दो गुट बन चुके हैं। एक खेमा परीक्षा के खिलाफ है तो दूसरा इसे आयोजित कराने के पक्ष में है। एक ओर जहां देश के 6 गैर भाजपा शासित राज्यों ने सितंबर में परीक्षाएं कराने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला किया है। वहीं दूसरी देश-विदेश के 150 से ज्यादा शिक्षाविदों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को चिट्ठी लिखकर अपील की है कि परीक्षाएं रोक दी जाएं।


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