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सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग बोले- राज्य में लागू नहीं होगा नागरिकता कानून

सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने कहा है कि वे अपने राज्य में नागरिकता कानून लागू नहीं करेंगे क्योंकि संविधान के अनुच्छेद 371 (एफ) के तहत राज्य को विशेष दर्जा हासिल है।

By TaniskEdited By: Published: Tue, 17 Dec 2019 09:23 AM (IST)Updated: Tue, 17 Dec 2019 09:23 AM (IST)
सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग बोले- राज्य में लागू नहीं होगा नागरिकता कानून
सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग बोले- राज्य में लागू नहीं होगा नागरिकता कानून

गंगटोक, प्रेट्र। सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने कहा है कि वे अपने राज्य में नागरिकता संशोधन कानून लागू नहीं करेंगे, क्योंकि संविधान के अनुच्छेद 371 (एफ) के तहत राज्य को विशेष दर्जा हासिल है। विपक्षी दलों की आलोचना करते हुए तमांग ने कहा कि निहित स्वार्थ वाले कुछ लोग नागरिकता संशोधन कानून को लेकर जनता को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य पर इसका कोई असर नहीं होगा।

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तमांग ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा संसद में यह स्पष्ट करने के बावजूद कि राज्य विधानसभा की मंजूरी के बिना यह कानून सिक्किम में लागू नहीं होगा, विपक्षी पार्टियां लोगों को गुमराह कर रही हैं। विपक्षी पार्टियां-कांग्रेस, हमरो सिक्किम पार्टी और सिक्किम रिपब्लिकन पार्टी इस बात का डर दिखा चुकी हैं कि सिर्फ छह लाख की आबादी वाले सिक्किम में जबरन इस कानून को लागू कर दिया जाएगा।

सिक्किम को संविधान के अनुच्छेद 371 (एफ) के तहत विशेष दर्जा प्राप्त

तमांग ने कहा, 'हमें पहले ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा आश्वासन दिया गया है कि नागरिकता संशोधित कानून सिक्किम में लागू नहीं होगा क्योंकि राज्य को संविधान के अनुच्छेद 371 (एफ) के तहत विशेष दर्जा प्राप्त है।'विपक्षी दलों ने डर जताई है कि राज्य की आबादी केवल छह लाख है। इसे  कानून के दायरे में लाने के लिए मजबूर किया जाएगा।

भाईचुंग भूटिया ने कानून की आलोचना की

एचएसपी के कार्यकारी अध्यक्ष भाईचुंग भूटिया ने कानून की काफी आलोचना की है। उन्होंने आशंका व्यक्त करते हुए कहा है कि नागरिकता संशोधित कानून राज्य की जनसांख्यिकी को बदल सकता है, जो वर्तमान में लेप्चा, भोटिया और गोरखाओं के पक्ष में है।

सिक्किम में कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन

उन्होंने सत्तारूढ़ सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) से केंद्र और राज्य में भाजपा के साथ अपने गठबंधन पर पुनर्विचार करने का भी आग्रह किया था। गौरतलब है कि सिक्किम के कई छात्र संगठनों और राजनीतिक संगठनों ने इस कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है।


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