Rajasthan Political Crisis: सीएम गहलोत का फैसला, राजस्थान में CBI सीधे नहीं कर सकेगी जांच
राजस्थान में सीबीआई अब सीधे किसी मामले में जांच नहीं कर पाएगी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आदेश के बाद गृह विभाग ने इस बारे में अधिसूचना जारी कर दी है।
जयपुर, जेएनएन। सियासी संकट के बीच राजस्थान सरकार ने अधिसूचना जारी कर स्पष्ट किया है कि राज्य में सीबीआइ सीधे तौर पर किसी मामले की जांच नहीं कर सकेगी। उसे हर केस के लिए राज्य सरकार से अनुमति लेनी होगी। हालांकि सीबीआइ ऐसे मामलों की जांच कर सकेगी, जिन्हें राज्य सरकार की ओर से भेजा गया था या भविष्य में भेजा जाएगा। सोमवार को जारी अधिसूचना में कहा गया है कि सीबीआइ जांच के लिए राजस्थान सरकार ने 1989 से पहले जो सामान्य स्वीकृतियां किसी भी आदेश या पत्र के जरिए दे रखी थीं, वह वापस ली जाती हैं। ऐसे में अब हर केस में जांच के लिए सीबीआइ को राज्य सरकार से पहले अनुमति लेनी होगी।
भाजपा ने सीबीआइ जांच की मांग की थी
इस आदेश को मौजूदा फोन टैपिंग मामले से जोड़कर देखा जा रहा है। मालूम हो, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने फोन टैपिंग की सीबीआइ जांच की मांग उठाई थी। माना जा रहा है कि सरकार को इस बात का अंदेशा था कि यह मामला सीबीआइ को सौंपा जा सकता है। दरअसल, राजस्थान में 1990 के बाद से हर केस के लिए राज्य सरकार की अनुमति लेना जरूरी है, लेकिन इससे पहले राजस्थान सरकार ने विभिन्न कानूनों के तहत सीबीआइ जांच की सामान्य स्वीकृति दे रखी थी। अब इस आदेश के जरिए सरकार ने सभी सामान्य स्वीकृतियां रद कर दी है। अब सीबीआइ 1989 से पहले जारी किसी सामान्य स्वीकृति के आधार पर भी यहां किसी मामले की सीधे तौर पर जांच नहीं कर सकेगी।
कई राज्य सीबीआइ जांच पर लगा चुके हैं रोक
हालांकि विशिष्ट मामलों में केस के आधार पर दी गई स्वीकृतियां जारी रहेंगी। विशिष्ट मामलों से आशय यह है कि सीबीआइ ऐसे मामलों की जांच कर सकेगी, जिन्हें राज्य सरकार की ओर से भेजा गया था या भविष्य में भेजे जाएंगे। आंध्र प्रदेश ने सीबीआइ की एंट्री पर बैन लगाया था। इसका समर्थन करते हुए बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने यहां यह व्यवस्था की। बाद में छत्तीसगढ़ ने भी सीबीआइ के प्रवेश पर रोक लगा दिया था।
केंद्रीय गृह मंत्रालय को नहीं गई सरकार की रिपोर्ट
इस बीच केंद्र सरकार की ओर से फोन टैपिंग मामले में राजस्थान सरकार से मांगी गई रिपोर्ट सोमवार को भी नहीं भेजी जा सकी। इस मामले को लेकर राजस्थान के अधिकारियों में सोमवार को भी मंथन जारी रहा। रविवार को अवकाश के बावजूद मुख्य सचिव राजीव स्वरूप और अन्य अधिकारी इस रिपोर्ट को तैयार करने में जुटे हुए थे। ऐसे में संभावना थी कि सोमवार को रिपोर्ट भेज दी जाएगी, लेकिन अधिकृत सूत्रों के अनुसार, सोमवार शाम तक रिपोर्ट नहीं भेजी जा सकी थी। बताया जा रहा है कि अब रिपोर्ट मंगलवार को ही जाएगी। रिपोर्ट को पूरी तरह गोपनीय रखा जा रहा है।
एजेंसियों का दुरुपयोग का आरोप लगा चुके है गहलोत
सीबीआई जांच को लेकर राजस्थान सरकार ने यह फैसला ऐसे समय लिया है जब राज्य में विधायकों की खरीद फरोख्त को लेकर सियासी आरोप प्रत्यारोप जारी है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आरोप लगा चुके हैं कि दबाव बनाने के लिए केंद्र सरकार केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। मुख्यमंत्री गहलोत ने विधायकों की खरीद फरोख्त मामले की जांच राजस्थान पुलिस की एसओजी के हवाले कर दी है। एसओजी ने भी केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया है। वहीं केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा है कि एसओजी को पहले इस टेप की प्रामाणिकता जांच लेनी चाहिए।