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अांध्रप्रदेश विधानसभा में चंद्रबाबू नायडू ने की BJP के मंत्रियों की तारीफ, जेटली पर बरसे

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने विधानसभा में कहा- केंद्र ने पूर्वोत्तर राज्यों का हाथ थाम रखा है लेकिन आंध्र प्रदेश का नहीं।

By Nancy BajpaiEdited By: Published: Thu, 08 Mar 2018 11:42 AM (IST)Updated: Thu, 08 Mar 2018 12:18 PM (IST)
अांध्रप्रदेश विधानसभा में चंद्रबाबू नायडू ने की BJP के मंत्रियों की तारीफ, जेटली पर बरसे
अांध्रप्रदेश विधानसभा में चंद्रबाबू नायडू ने की BJP के मंत्रियों की तारीफ, जेटली पर बरसे

नई दिल्ली (एएनआइ)। आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जे की मांग ने भाजपा और टीडीपी के बीच दूरियां बढ़ा दी हैं। लंबे वक्त से तेलगु देसम पार्टी (टीडीपी) और भाजपा के बीच चली आ रही तनातनी ने अब अलग रूप ले लिया है। चंद्रबाबू नायडू कैबिनेट से भाजपा नेताओं के इस्तीफे के बाद विधानसभा में हमलावर दिखे। आंध्र प्रदेश विधानसभा में बयान देते हुए नायडू ने कहा, 'हमारे मंत्रियों ने केंद्रीय कैबिनेट से और भाजपा के मंत्रियों ने राज्य कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि सभी मंत्रियों ने राज्य में अच्छा कार्य किया है। उन्होंने अपने-अपने विभागों में काफी सुधार किए हैं। मैं उनकी सेवाओं के लिए उन्हें धन्यवाद देता हूं।'

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नायडू यहीं नहीं रुके उन्होंने आगे कहा, ' जो कुछ भी अरुण जेटली ने कल कहा वह अच्छा नहीं था। आप (केंद्र) पूर्वोत्तर राज्यों का हाथ पकड़ रहे हैं लेकिन आंध्र प्रदेश का नहीं। आप उन्हें (पूर्वोत्तर) औद्योगिक प्रोत्साहन दे रहे हैं लेकिन आंध्र प्रदेश को नहीं। इतना भेदभाव क्यों?'

जेटली ने क्या कहा था?

बता दें कि आंध्र प्रदेश विशेष राज्य के दर्जे की मांग पर अड़ा हुआ है, हालांकि केंद्र ने स्पष्ट कर दिया है कि आखिर आंध्र प्रदेश को क्यों विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिलेगा। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू की विशेष दर्जा का वादा पूरी करने की मांग के संबंध में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि 2014 में जब राज्य का विभाजन हुआ था उस समय ऐसी व्यवस्था थी। लेकिन अब यह सुविधा सिर्फ पूर्वोत्तर और तीन पर्वतीय राज्यों तक ही सीमित है। जेटली ने कहा कि पिछले हफ्ते बैठकों के दौरान केंद्र ने एक विशेष उद्देश्यीय कोष (एसपीवी) के गठन का सुझाव दिया था ताकि राज्य का राजकोषीय संतुलन न बिगड़े। इसके लिए नाबार्ड धन दे सकता है। आंध्र प्रदेश सरकार ने अब तक इस तरह की वित्तीय मदद प्राप्त करने के लिए रूपरेखा तैयार नहीं की है। जबकि केंद्र की ओर से विभाजन के समय जिन संस्थानों की स्थापना का वादा किया गया था, उन्हें स्थापित किया जा रहा है। राज्य के राजस्व घाटे की पूर्ति के संबंध में जेटली ने कहा कि केंद्र 4000 करोड़ रुपये का भुगतान कर चुका है और सिर्फ 138 करोड़ रुपये बाकी हैं।


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