Citizenship Amendment Bill को लेकर असम के पूर्व मुख्यमंत्री महंत ने कही बड़ी बात
Citizenship Amendment Bill को लेकर असम के पूर्व मुख्यमंत्री प्रफुल्ल कुमार महंत ने कहा कि अगर राज्यसभा द्वारा यह विधेयक पास किया जाता है तो राज्य में अस्थिरता पैदा हो जाएगी।
नई दिल्ली,पीटीआइ। Citizenship Amendment Bill, नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर देश में विवाद जारी है। असम के पूर्व मुख्यमंत्री प्रफुल्ल कुमार महंत ने रविवार को इसे लेकर केंद्र सरकार को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि अगर राज्यसभा द्वारा यह विधेयक पारित किया जाता है तो राज्य में अस्थिरता की स्थिति पैदा हो जाएगी।
दो बार के मुख्यमंत्री और असोम गण परिषद (एजीपी) के संस्थापक और अध्यक्ष ने कहा कि इस प्रस्तावित कानून के खिलाफ राज्य में 1979-85 के असम आंदोलन की तरह बड़े पैमाने पर विद्रोह देखने को मिल रहा है। इसका असर अगामी लोकसभा चुनाव में देखने को मिल सकता है अगर सरकार लोगों की भावना का सम्मान नहीं करती है।
महंत फिलहाल बिल के खिलाफ विरोध में दिल्ली में हैं। उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक राज्यसभा द्वारा पारित होने पर असम में अस्थिरता पैदा हो सकती है। अगर ऐसा होता है तो मोदी सरकार इसके लिए जिम्मेदार होगी।
विधेयक में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में सताए जा रहे गैर-मुस्लिमों को भारतीय राष्ट्रीयता देने का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि विधेयक असम समझौते और संविधान का उल्लंघन है। क्योंकि इससे 31 दिसंबर, 2014 तक भारत में आए किसी को भी नागरिकता मिल जाएगी। बता दें कि महंत ने अवैध प्रवासियों के खिलाफ असम आंदोलन का नेतृत्व किया था।
महंत ने कहा कि 1985 में असम समझौते होने के बाद भाजपा सहित सभी राजनीतिक दलों ने इसका समर्थन किया था,लेकिन भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार अब इस समझौते खत्म करना चाहती है। यह विधेयक संविधान का भी उल्लंघन करता है क्योंकि इससे धर्म के आधार पर नागरिकता मिलेगी।