Citizenship Amendment Bill 2019 को पंजाब, केरल और पश्चिम बंगाल के CM ने लागू करने से किया इनकार
नागरिकता संशोधन बिल 2019 पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मुहर लगा दी है लेकिन इस बिल को पंजाबकेरल और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्रियों ने लागू करने से इनकार कर दिया है।
नई दिल्ली, एजेंसी। नागरिकता संशोधन बिल 2019 पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मुहर लगा दी है, लेकिन इस बिल को पंजाब,केरल और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्रियों ने लागू करने से इनकार कर दिया है। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कैब को गलत बताया है। उन्होंने कहा कि पंजाब अपने राज्य मे किसी भी स्थिति में इस बिल को लागू नहीं करेगा। वहीं केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने भी इस बिल का विरोध किया है। उन्होंने इस बिल का विरोध करते हुए कहा कि यह बिल असंवैधानिक है। इसके अलावा उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि वह लोगों को धार्मिक आधार पर बांट रही हैं।
उधर, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी इस बिल का कड़ा विरोध किया है। उन्होंने कहा कि मेरे शासन काल में यह बिल्कुल लागू नहीं होगा और यह बिल राज्य में कोई भी अपनी मर्जी से लागू नहीं कर सकता है। बता दें कि इससे पहले से वह इस बिल का विरोध कर रही हैं।
यह बिल पास होने के बाद अब कानून में तब्दील हो गया है। असम के कई जिलों में विरोध-पदर्शन हो रहे हैं। इस प्रदर्शन के चलते असम में उड़ाने भी रद्द हो गई। गुरुवार को पूरे दिन राज्य में सड़कों पर लोग विरोध -प्रदर्शन कर रहे थे। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समते असम के मुख्यमंत्री ने राज्य में शांति बनाए रखने की अपील की थी। आपको बता दें कि इस बिल का एक पक्ष विरोध रहा तो एक तबके ने इस बिल के पास होने पर खुशी जाहिर की है। मुस्लिम पक्ष के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने संसद में इस बिल का विरोध किया था। इस बिल के तहत पाकिस्तान, बाग्लादेश और अफगानिस्तान के गैर-मुस्लिम शर्णथियों को भारत में आसानी से नागरिकता मिल जाएगी। कई पक्षों का कहना है कि यह बिल धार्मिक आधार पर बनाया गया है।