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Citizenship Bill 2019: सरकार ने कहा- पड़ोसी देशों से भारत आए अल्पसंख्यकों के लिए था विधेयक

गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में कहा कि नागरिकता संशोधन बिल 2019 का लक्ष्य पड़ोसी देशों से बिना वैध यात्रा दस्तावेज के आए अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता प्रदान करना था।

By TaniskEdited By: Published: Tue, 16 Jul 2019 07:53 PM (IST)Updated: Tue, 16 Jul 2019 07:53 PM (IST)
Citizenship Bill 2019: सरकार ने कहा- पड़ोसी देशों से भारत आए अल्पसंख्यकों के लिए था विधेयक
Citizenship Bill 2019: सरकार ने कहा- पड़ोसी देशों से भारत आए अल्पसंख्यकों के लिए था विधेयक

नई दिल्ली, प्रेट्र। नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2019 का बुनियादी लक्ष्य बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से भारत आए छह अल्पसंख्यक समुदायों को भारतीय नागरिकता प्रदान करना था। यहां तक कि उनके पास वैध दस्तावेज नहीं होने पर भी यह सुविधा दी जानी थी। सरकार ने मंगलवार को लोकसभा में यह जानकारी दी।

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कांग्रेस सांसद प्रद्युत बोरदोलोइ के सवाल के लिखित उत्तर में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने कहा, 'तीन साल पहले यह विधेयक नागरिकता संशोधन विधेयक 2016 के नाम से लोकसभा में पेश किया गया था। इसके बाद उसे संयुक्त संसदीय समिति के पास भेज दिया गया। समिति ने इसी साल सात जनवरी को संसद को अपनी रिपोर्ट सौंप दी। राज्यसभा में यह विचार और पारित करने के लिए लंबित था। इसके बाद 16वीं लोकसभा भंग होने के कारण विधेयक समाप्त हो गया।'

गृह राज्यमंत्री ने यह भी कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 का बुनियादी लक्ष्य पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से बिना वैध यात्रा दस्तावेज के आए छह अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता प्रदान करना था। यहां तक कि जिनके दस्तावेज की अवधि समाप्त हो गई उन्हें भी यह सुविधा प्रदान की जानी थी। उन्होंने कहा कि नागरिकता अधिनियम 1955 ऐसे लोगों को अवैध आव्रजक मानता है और उन्हें भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने से रोकता है।

असम में ट्रिब्यूनल ने 1.17 लाख को विदेशी घोषित किया
असम में गठित ट्रिब्यूनल ने इस साल मार्च तक कुल 1.17 लाख लोगों को विदेशी घोषित किया है। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी. कृष्ण रेड्डी ने लोकसभा में कांग्रेस सांसद अब्दुल खालिक के लिखित प्रश्न के उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वर्तमान में असम के विभिन्न जिलों में 100 विदेशी ट्रिब्यूनल काम कर रहे हैं।


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