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महाराष्ट्र में पालघर मॉब लिंचिंग की जांच करेगी सीआइडी, केंद्र ने राज्य सरकार से रिपोर्ट की तलब

गृह मंत्रालय ने इस मामले पर राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है। अमित शाह ने उद्धव ठाकरे से पूरी संवेदनशीलता और तत्परता से निपटाने का सुझाव दिया है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Mon, 20 Apr 2020 09:08 PM (IST)Updated: Mon, 20 Apr 2020 11:09 PM (IST)
महाराष्ट्र में पालघर मॉब लिंचिंग की जांच करेगी सीआइडी, केंद्र ने राज्य सरकार से रिपोर्ट की तलब
महाराष्ट्र में पालघर मॉब लिंचिंग की जांच करेगी सीआइडी, केंद्र ने राज्य सरकार से रिपोर्ट की तलब

जेएनएन, नई दिल्ली। महाराष्ट्र सरकार ने पालघर में दो साधुओं समेत तीन लोगों की पीट-पीट कर हत्या के मामले को आपराधिक जांच विभाग (सीआइडी) को सौंप दी है। इस मामले में अब तक सौ से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है। वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सीएम उद्धव ठाकरे से फोन पर बात की और दोषियों को जल्द से जल्द सजा दिलाने को कहा। केंद्र सरकार ने राज्य सरकार से घटना पर रिपोर्ट भी तलब की है।

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ठाकरे ने शाह से कहा- सांप्रदायिक रंग देने वालों के खिलाफ हो सख्त कार्रवाई 

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने केंद्रीय गृह मंत्री से इस घटना को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का भी अनुरोध किया है। राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने भी मामले को सांप्रदायिक रंग देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है।

उद्धव ठाकरे ने कहा- पालघर मामले में किसी को बख्शा नहीं जाएगा

उद्धव ठाकरे ने सोमवार को फेसबुक के जरिए राज्य को संबोधित करते हुए कहा कि इस मामले में किसी को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि अमित शाह ने भी माना है कि इसमें कोई सांप्रदायिक मामला नहीं है। शाह के फोन के बाद ही राज्य सरकार ने मामले की जांच सीआईडी को सौंपने का फैसला किया।

एडीजी कुलकर्णी करेंगे पालघर मामले की जांच

एडीजी सीआइडी क्राइम अतुलचंद्र कुलकर्णी इस मामले की जांच करेंगे। इस मामले में अभी तक सौ से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है और दो पुलिसकर्मियों को निलंबित भी कर दिया गया है।

केंद्र ने राज्य से मांगी पालघर मामले पर रिपोर्ट

सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस मामले पर राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है। खुद अमित शाह ने उद्धव ठाकरे से इसे पूरी संवेदनशीलता और तत्परता से निपटाने का सुझाव दिया है। उन्होंने ने ठाकरे से यह भी कहा है कि केंद्र से किसी भी तरह की मदद की दरकार हो तो बेहिचक बताएं लेकिन हत्या के दोषियों को जल्द से जल्द सजा मिलनी चाहिए। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस मसले पर उद्धव से फोन पर बात की थी। ।

पालघर मामले पर सियासत गरमाई

इस मामले पर सियासत भी गरमा गई है। महाराष्ट्र के नेता विपक्ष देवेंद्र फड़नवीस ने उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। वहीं महाराष्ट्र कांग्रेस की ओर से आरोप लगाया जा रहा है कि इसमें भाजपा के लोगों की ही भूमिका है।

संतों की आंदोलन की चेतावनी

इस घटना को लेकर साधु संतों ने लॉकडाउन के बाद मुंबई कूच करने का एलान किया है। दोनों साधु जूना अखाड़ा से जुड़े थे। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने लॉकडाउन समाप्त होने पर महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है। मुंबई स्थित संन्यास आश्रम के प्रमुख महंत विश्र्वेश्र्वरानंद गिरि ने भी महाराष्ट्र के राज्यपाल पत्र लिखकर रोष व्यक्त किया है।

जानें, क्या थी घटना?

यह घटना पालघर जनपद के गढ़चिंचले गांव में 16 अप्रैल की रात हुई थी। साधु सुशील गिरि महाराज (30) एवं चिकने महाराज कल्पवृक्ष गिरि (70) जूना अखाड़ा से संबंधित थे। ये दोनों गाड़ी से अपने गुरु की अंत्येष्टि में शामिल होने सूरत जा रहे थे। भीड़ ने पुलिस के सामने ही इन तीनों की पीट-पीट कर हत्या कर दी। बताया जा रहा है कि इन्हें बच्चा चोर समझकर मारा गया, लेकिन सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में साफ दिख रहा है कि पुलिस साधुओं को अपने साथ लेकर कमरे से निकलती है और उसके बाद भीड़ उन्हें पीटने लगती है।


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