मॉब लिंचिंग के बहाने से नहीं लौट रहा पीएनबी घोटाले का आरोपित मेहुल
मेहुल चोकुसी ने दावा किया है कि अगर वह वापस लौटता है तो उसे न सिर्फ उसके पूर्व कर्मचारियों और कर्जदारों से खतरा है बल्कि जेल स्टाफ और जेल कैदियों से भी खतरा है।
मुंबई, प्रेट्र। पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में 13 हजार करोड़ रुपये से अधिक के घोटाले के एक मुख्य आरोपित और गीतांजलि जेम्स के प्रमोटर मेहुल चोकसी ने अब नया पैंतरा अपनाया है। उसने मॉब लिंचिंग की आशंका जाहिर करते हुए सोमवार को विशेष अदालत से अपने खिलाफ जारी गैरजमानती वारंट को रद करने का आग्रह किया है। उसने कहा है कि खराब स्वास्थ्य, पासपोर्ट रद होने और जान पर खतरे जैसी परिस्थितियों को देखते हुए ही वह भारत नहीं लौट रहा है।
विशेष जज एमएस आजमी ने प्रवर्तन निदेशालय को चोकसी की अर्जी पर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। इस मामले में अगली सुनवाई 18 अगस्त को होगी।मालूम हो कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दायर आरोपपत्र का संज्ञान लेकर प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) कोर्ट ने मार्च और जुलाई में चोकसी के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किया था। घोटाला उजागर होने से पहले ही चोकसी देश छोड़कर भाग गया था। इसी मामले में आरोपित उसका भांजा नीरव मोदी भी फरार है।चोकसी ने विशेष अदालत में दायर अर्जी में कहा है कि उसे भारत लौटने पर न सिर्फ अपने पूर्व कर्मचारियों, कर्जदाताओं से बल्कि जेल स्टाफ और अन्य कैदियों से भी जान का खतरा है।
वहां उसकी 'लिंचिंग' (पीट-पीट कर हत्या) की जा सकती है।अर्जी में कहा गया है, 'याची के लिए कंपनी का संचालन असंभव हो गया है। वेतन नहीं मिलने से कर्मचारी और पैसे नहीं मिलने से कर्जदाता काफी गुस्से में हैं। इसलिए उन लोगों से जान का खतरा पैदा हो गया है।'
इसमें आगे कहा गया है, 'हाल में भारत में मॉब लिंचिंग की कई घटनाएं हुई हैं। आम लोग सड़क पर ही न्याय कर दे रहे हैं। आवेदक को भी इसी तरह का खतरा है।'अपील में कहा गया है कि चोकसी ने कभी जांच से दूरी नहीं बनाई है। जांच एजेंसियों ने उससे जो भी पूछा है, जवाब दिया है। चोकसी ने भारत की जेल में स्टाफ द्वारा जबरन वसूली की आशंका जताते हुए कहा कि उससे भी उसे जान का खतरा हो सकता है।