डोकलाम विवाद के बाद तिब्बत में इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रॉकेट लांचर तैनात करेगा चीन
पिछले दिनों डोकलाम विवाद को लेकर दोनों देशों की सीमाओं पर तनाव देखा जा चुका है।
नई दिल्ली, जेएनएन। भारत से सटे तिब्बत में चीन जल्द ही इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रॉकेट लांचर तैनात करेगा। चीन के विशेषज्ञों के मुताबिक रॉकेट लांचर अभी तक के परंपरागत हथियारों के मुकाबले ज्यादा शक्तिशाली साबित होगा। भारत और चीन दोनों देश भारत की सीमा से सटे तिब्बत के हिस्से को लेकर काफी संवेदनशील रहे हैं। पिछले दिनों डोकलाम विवाद को लेकर दोनों देशों की सीमाओं पर तनाव देखा जा चुका है।
चीन के बनाए जा रहे इस इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रॉकेट से पहाड़ी इलाकों में कई किलोमीटर दूर से ही दुश्मन को निशाना बनाया जा सकेगा। तिब्बत में चीन द्वारा कब्जा किए गए क्षेत्र से भारत की सीमा सटी है, यह पूरा पहाड़ी इलाका है और काफी दुर्गम है डोकलाम विवाद के बाद चीन का सीमा पर ऐसा हथियार विकसित करना भारत के लिए चिंताजनक हो सकता है।
चीनी मीडिया के हवाले से पता चला है कि पीपल्स लिबरेशन आर्मी के तहत पेइचिंग में एक रिसर्च सेंटर के फेलो हान जुनी के नेतृत्व में इस इलेक्ट्रॉनिक रॉकेट लांचर को विकसित किया जा रहा है। कहा जा रहा है कि जुनी मा वेमिंग नाम के एक शिक्षाविद से इसकी प्रेरणा ले रहे हैं उन्हें चाइनीज इलेक्ट्रोमैग्नेटिक का जनक भी माना जाता है।