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मोदी-चिनफिंग अर्जेटीना में होंगे आमने-सामने, करेंगे वुहान बैठक के फैसलों की समीक्षा

चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच अगले महीने अर्जेंटीना में मुलाकात होगी।

By Nancy BajpaiEdited By: Published: Mon, 15 Oct 2018 11:30 AM (IST)Updated: Mon, 15 Oct 2018 07:40 PM (IST)
मोदी-चिनफिंग अर्जेटीना में होंगे आमने-सामने, करेंगे वुहान बैठक के फैसलों की समीक्षा
मोदी-चिनफिंग अर्जेटीना में होंगे आमने-सामने, करेंगे वुहान बैठक के फैसलों की समीक्षा

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने पिछले चार वर्षो में दोनों देशों के बीच घटते-बढ़ते तनाव के बावजूद शीर्ष स्तर पर संवाद का सिलसिला थमने नहीं दिया है। असलियत में तनाव बढ़ने पर बातचीत के सिलसिले ने ज्यादा रफ्तार पकड़ी है। इस सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए दोनों नेता अगले महीने अर्जेटीना में एक बार फिर द्विपक्षीय वार्ता के लिए आमने-सामने होंगे। अप्रैल, 2018 में वुहान (चीन) में दोनों नेताओं के बीच अनौपचारिक वार्ता के बाद नवंबर में होने वाली मुलाकात तीसरी मुलाकात होगी। इसमें वुहान बैठक के दौरान किए गए फैसलों की समीक्षा की जाएगी।

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चीन के भारत में राजदूत लुओ झावहुई ने यहां एक कार्यक्रम में मोदी और चिनफिंग की भावी मुलाकात के बारे में बताया। झावहुई ने भारत और चीन की मदद से अफगानिस्तान के राजनयिकों को विशेष प्रशिक्षण दिए जाने के लिए आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए यह जानकारी दी। इस कार्यशाला के बारे में भी वुहान बैठक के दौरान ही सहमति बनी थी कि दोनों देश अफगानिस्तान में संयुक्त तौर पर विकास और शांति को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाएंगे।

माना जाता है कि भारत और चीन संयुक्त तौर पर अफगानिस्तान में शांति बहाली के लिए भविष्य में और भी बहुत कुछ करने के बारे में बातचीत कर रहे हैं। इसकी शुरुआत वहां के राजनयिकों को प्रशिक्षण देने के साथ की गई है। आगे संयुक्त तौर पर विकास परियोजनाओें को भी शामिल किया जा सकता है।

जानकारों के मुताबिक, वुहान में ही दोनों शीर्ष नेताओं के बीच यह सहमति बनी थी कि वे आपसी संबंधों को प्रभावित करने वाले सभी अहम मुद्दों की व्यक्तिगत स्तर पर समीक्षा करेंगे। यह एक वजह है कि मोदी और चिनफिंग मुलाकात का कोई भी मौका हाथ से नहीं जाने देते।

पिछले वर्ष जब डोकलाम विवाद चरम पर था तब भी मोदी और चिनफिंग के बीच मुलाकात हुई थी। दोनों के बीच वुहान में यह भी सहमति बनी थी कि आपसी संबंधों को खराब करने वाले सबसे बड़े मुद्दों को अब ज्यादा दिनों तक नहीं लटकाया जाएगा। दोनों ने अपनी सेनाओं को यह निर्देश दिया था कि वे सीमा पर आपसी विश्वास बहाली के लिए कदम उठाएं। उसके बाद से भारत व चीन के बीच तकरीबन 3500 किलोमीटर लंबी सीमा पर अमूमन शांति है।


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