मुख्यमंत्री बघेल ने कहा- इंटरस्टेट लॉकडाउन में छत्तीसगढ़ सरकार नहीं देगी ढील
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम की कार्यकारिणी घोषणा हुए एक महीना हो गया है। पहली बार कार्यकारिणी की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक हुई।
रायपुर, राज्य ब्यूरो। छत्तीसगढ़ में लॉकडाउन खुलने के बाद की स्थितियों और तैयारियों को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने टास्क फोर्स बनाई है। इसमें अधिकारियों से लेकर मंत्रियों से सुझाव मांगे जा रहे हैं कि लॉकडाउन खुलने के बाद किस तरह प्रदेश के लोगों को संक्रमण से बचाया जाए। अब तक की तैयारियों को देखते हुए सरकार यह साफ मान रही है कि बाहरी राज्यों से आवागमन होने पर संक्रमण बढ़ेगा, इसलिए इंटरस्टेट लॉकडाउन में कोई ढील नहीं दी जाएगी। प्रदेश में जिन जिलों में मरीज नहीं मिले हैं, वहां आंशिक छूट दी जाएगी, लेकिन शारीरिक दूरी के नियम का कड़ाई से पालन कराया जाएगा। यूनिवर्सिटी और कॉलेज की परीक्षा पर भी अप्रैल तक रोक लग सकती है।
मेडिकल स्टोरों से पैरासीटामॉल, हाइड्रोक्लोरोक्वीन एकत्र कर रहा प्रशासन
राज्य भर में दवा की दुकानों से प्रशासन पैरासीटामॉल,हाइड्रोक्लोरोक्वीनएकत्र कर रहा है। कोरोना के मरीजों पर हाइड्रोक्लोरोक्वीन के कारगर प्रभाव की बात सामने आ रही है। अमेरिका ने भारत से हाइड्रोक्लोरोक्वीन की मांग भी की है। फिलहाल इसके निर्यात पर रोक लगाई गई है।
क्वारंटाइटन में मृत ग्रामीण की कोरोना जांच रिपोर्ट पर टिकी निगाहें
हैदराबाद से आठ दिन पहले अपने दो साथियों के साथ राजनांदगांव लौटे ग्रामीण की अचानक तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई। इन्हें गांव के बाहर सरकारी स्कूल में क्वारंटाइन में रखा गया था। मौत से क्वारंटन सेंटर में रह रहे लोग और गांव के अन्य लोगों में दहशत है। मृतक के कोरोना जांच की रिपोर्ट की प्रतीक्षा की जा रही है। अगर मृतक कोरोना पॉजिटिव पाया गया तो पूरे गांव की जांच कराई जाएगी।
पहली बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई प्रदेश कांग्रेस कार्यसमिति
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम की कार्यकारिणी घोषणा हुए एक महीने से ज्यादा का समय हो गया है। उसके बाद भी अब तक प्रदेश कार्यकारिणी की कोई बैठक नहीं हो पाई थी। मंगलवार को पहली बार प्रदेश कार्यकारिणी की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक हुई।
लॉकडाउन तोड़ने वालों पर पुलिस सख्त, 400 लोगों पर एफआइआर
छत्तीसगढ़ में लॉकडाउन तोड़ने वालों को अब जेल भेजने की तैयारी चल रही है। डीजीपी डीएम अवस्थी ने बताया कि प्रदेश में रोजाना 20 से 30 लोगों पर एफआइआर हो रही है। अब लॉकडाउन के अंतिम चरण में सख्ती बरतते हुए जानकारी छुपाने वालों को सीधे जेल भेजा जाएगा। इसके लिए पुलिस और प्रशासन ने तैयारी पूरी कर ली है। करीब 400 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
अभी बड़ी चुनौती बाकी, आ सकते हैं कोरोना के गंभीर मरीज : डॉ. नागरकर
कोरोना के नियंत्रण और रोकथाम में रायपुर एम्स ने मिसाल कायम की है। राज्य में मिले दस में नौ मरीज स्वस्थ होकर अस्पताल से डिस्चार्ज हो चुके हैं। बावजूद इसके एम्स के निदेशक डॉ. नितिन एम. नागरकर कहते हैं कि खतरा अभी टला नहीं है। एहतियात और फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन सख्ती से करना है। अभी गंभीर संक्रमण के मामले और मरीज आ सकते हैं। ठीक हाेकर घर जा चुके मरीजाें काे भी उन्हाेंने एहतियातन 14 से 21 दिन के हाेम आइसाेलेशन का अनिवार्य रूप से पालन करने की सलाह दी है।
कोरोना वायरस ने आदिवासियों के आखेट परंपरा पर लगाई रोक
कोरोना वायरस से बचने के लिए लोग अपने तीज-त्योहार और परंपराओं को भी तिलांजलि देर रहे हैं। इसमें बस्तर के आदिवासियों का योगदान भी कम नहीं है। वनों पर आश्रित बस्तर के आदिवासी जंगल जाना बंद कर दिए हैं। उनका पारंपरिक पूजा-अनुष्ठान और शिकार भी कोरोना वायरस के भेंट चढ़ गया। बीते वर्षों में इन दिनों ग्रामीण आमा पंडुम से लेकर आखेट और मेले-मड़ई में मस्त रहते थे, जो फिलहाल रुक गया है। आदिवासियों की बदली जीवन शैली उनकी जागरुकता की बानगी भी है।
नक्सलियों ने आइईडी ब्लास्ट कर पुलिया उड़ाया
कोरोना संकट के बीच बुद्धिजीवी नक्सलियों से युद्धविराम की मांग कर रहे हैं पर नक्सली मानने को तैयार नहीं हैं। सुकमा जिले में एक बार फिर नक्सलियों ने तांडव मचाया है। सोमवार रात जबरदस्त आइईडी ब्लास्ट कर पुलिया उड़ा दिया। दोरनापाल जगरगुंडा मार्ग पर पोलमपल्ली और गोरगुंडा के बीच स्थित पुलिया ब्लास्ट से पूरी तरह ध्वस्त हो गई है। जगरगुंडा सड़क को खूनी सड़क कहा जाता है। इस सड़क पर नक्सली कई घटनाओं को अंजाम दे चुके हैं।