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चिदंबरम ने कहा- सही कारण नहीं हुआ तो कांग्रेस करेगी एलआइसी विनिवेश का विरोध

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने कहा कि अगर पैसा जुटाना विनिवेश का मकसद है तो हम विरोध करेंगे क्योंकि यह खराब कारण है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Mon, 03 Feb 2020 11:54 PM (IST)Updated: Mon, 03 Feb 2020 11:54 PM (IST)
चिदंबरम ने कहा- सही कारण नहीं हुआ तो कांग्रेस करेगी एलआइसी विनिवेश का विरोध
चिदंबरम ने कहा- सही कारण नहीं हुआ तो कांग्रेस करेगी एलआइसी विनिवेश का विरोध

चेन्नई, प्रेट्र। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने सोमवार को कहा कि उनकी पार्टी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआइसी) के लिस्टिंग (विनिवेश) प्रस्ताव का विरोध कर सकती है अगर सरकार अपने इस कदम का सही कारण बताकर आश्वस्त करने में विफल रही।

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चिदंबरम ने कहा- तगड़ी प्रतिस्पर्धा के बावजूद एलआइसी लाभ में है

सदर्न इंडिया चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा बजट पर आयोजित लेक्चर में चिदंबरम ने कहा कि दुनिया की बहुत बड़ी बीमा कंपनियों से तगड़ी प्रतिस्पर्धा के बावजूद एलआइसी लाभ में है और पिछले साल इसने पहले प्रीमियम के शेयर में करीब पांच फीसद की बढ़ोतरी भी की थी।

चिदंबरम ने कहा- लाभ देने वाली एलआइसी को क्यों लिस्ट करना चाहती है सरकार

उन्होंने कहा, 'उन्हें हमें बताना होगा.. आप आज एलआइसी को क्यों लिस्ट करना चाहते हैं। इसलिए क्योंकि आप समझते हैं कि प्रबंधन संस्कृति खराब है? कार्य संस्कृति खराब है। हमें समझाइए।'

चिदंबरम ने कहा- अगर पैसा जुटाना विनिवेश का मकसद है तो हम विरोध करेंगे

चिदंबरम ने कहा कि अगर पैसा जुटाना विनिवेश का मकसद है तो हम विरोध करेंगे क्योंकि यह खराब कारण है। सरकार संभवत: 5-10 फीसद शेयर बेच सकती है इससे एलआइसी का स्वामित्व नहीं बदलेगा।

निजीकरण को बढ़ावा देने का प्रयास: शिवसेना

शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' के जरिये सोमवार को कहा कि सरकार एलआइसी और आइडीबीआइ में विनिवेश के जरिये निजीकरण को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है। इससे पहले एयर इंडिया और भारत पेट्रोलियम की बिक्री के संबंध में भी घोषणा की जा चुकी है।

एक एक पैसे का सोच समझ कर इस्तेमाल : सीतारमण

आम बजट पेश करने के बाद पहली बार देश के उद्यमियों से मिलने के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साफ किया कि उनकी पूरी कोशिश यही है कि एक एक पैसे का इस्तेमाल सही जगह पर हो। यही वजह है कि जो भी पैसा खर्च किया जा रहा है उसका मकसद यही है कि देश में परिसंपत्तियों का निर्माण हो और कोई भी पैसा कहीं बर्बाद न हो। उन्होंने माना कि देश की अर्थव्यवस्था अभी चुनौतीपूर्ण स्थिति में है लेकिन संकेतों में यह भी बता दिया कि इस बार मंदी से निबटने के उपाय उस तरह से नहीं होंगे जैसे पूर्व में यूपीए के शासनकाल में हुए थे। वित्त मंत्री सोमवार को शाम उद्योग चैंबर फिक्की के तत्वाधान में बजट पर एक चर्चा में भाग ले रही थी।


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