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Coronavirus: चिदंबरम ने कहा- लॉकडाउन की मुश्किल से निपटने को बोल्ड आर्थिक पैकेज की जरूरत

वित्तमंत्री की राहत घोषणाएं इतनी अपर्याप्त रहीं कि इसकी वजह से लॉकडाउन के बावजूद मजदूरों का अपने गांवों की ओर बड़ी संख्या में पलायन हुआ।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Mon, 30 Mar 2020 07:15 PM (IST)Updated: Mon, 30 Mar 2020 07:15 PM (IST)
Coronavirus: चिदंबरम ने कहा- लॉकडाउन की मुश्किल से निपटने को बोल्ड आर्थिक पैकेज की जरूरत
Coronavirus: चिदंबरम ने कहा- लॉकडाउन की मुश्किल से निपटने को बोल्ड आर्थिक पैकेज की जरूरत

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कांग्रेस नेता पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने कोरोना वायरस के चलते हुए लॉकडाउन से बढ़ी मुश्किलों को देखते हुए केंद्र सरकार से आर्थिक पैकेज के दूसरे डोज का ऐलान करने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि आधी अधूरी तैयारी से लॉकडाउन किया गया जिसके चलते चुनौतियां बढ़ गई हैं। ऐसे में बड़े और बोल्ड आर्थिक पैकेज की तत्काल जरूरत है।

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बिना तैयारी के लॉकडाउन लागू  किया गया 

कोरोना वायरस संकट पर बनी कांग्रेस की टास्क फोर्स टीम की अगुआई कर रहे चिदंबरम ने ट्वीट करते हुए कहा कि अब यह पूरी तरह साबित हो गया है कि केवल चार घंटे में बिना तैयारी के लॉकडाउन को लागू किया गया जो कि त्रासद है।

लॉकडाउन के पहले नहीं हुई लोगों के खाने-पीने, मकान किराए की व्यवस्था

लॉकडाउन के पहले या उसकी घोषणा के साथ ही विश्वास बढ़ाने वाला वित्तीय सहायता कार्यक्रमों का ऐलान किया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन में मजदूरों के पलायन और उनको हुई मुश्किलों से साफ है कि उनके खाने-पीने, रहने, मकान किराए जैसे उपायों का कदम इसके पहले उठाना जरूरी था।

चिदंबरम ने कहा- मोदी सरकार का राहत पैकेज अपर्याप्त

कोरोना से पनपी आर्थिक चुनौतियों से लड़ने के लिए वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के राहत पैकेज की पहली किश्त को चिदंबरम ने बेहद अपर्याप्त करार दिया।

अपर्याप्त राहत घोषणाओं की वजह से मजदूरों का गांवों की ओर हुआ पलायन

साथ ही कहा कि वित्तमंत्री की राहत घोषणाएं इतनी अपर्याप्त रहीं कि इसकी वजह से लॉकडाउन के बावजूद मजदूरों का अपने गांवों की ओर बड़ी संख्या में पलायन हुआ। बहरहाल अब वक्त की जरूरत यह है कि सरकार आज या कल में बड़े और बोल्ड दूसरे राहत सहायता पैकेज का ऐलान करे ताकि आर्थिक संकट का सामना किया जा सके।

तीन महीने के वेतन बिल का 70 फीसद भार केंद्र सरकार उठाए

वहीं कांग्रेस की ओर से पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने लघु और मध्यम उद्योग क्षेत्र के अगले तीन महीने के वेतन बिल का 70 फीसद भार केंद्र सरकार से उठाने की मांग की। उनका कहना था कि करीब सवा चार करोड़ एमएसएमई की संख्या है जो जीडीपी का 29 फीसद योगदान देते हैं। इसके लिए एमएसएमई 1.50 लाख करोड़ रुपये का पैकेज की मांग उठाई।

ट्रक ड्राइवरों की लॉकडाउन से बढ़ी मुसीबत, 25000 करोड़ के पैकेज की जरूरत

ट्रक ड्राइवरों की लॉकडाउन से बढ़ी मुसीबत को देखते हुए इनके लिए भी 25 हजार करोड़ रुपये की विशेष सहायता पैकेज की सरकार से अपील की। बल्लभ ने कहा कि देश में परिवहन पूरा ठप है और करीब 30 लाख ट्रक ड्राइवर हैं जिन्हें मदद देकर सरकार आपूर्ति को इस मुश्किल समय में दुरूस्त कर सकती है।

निजी क्षेत्र के कर्मचारियों की छंटनी रोकने के लिए उपाय किए जाएं

कांग्रेस प्रवक्ता ने सरकार से यह भी सुनिश्चित करने के लिए आग्रह किया कि निजी क्षेत्र के सभी तरह के कर्मचारियों की छंटनी रोकने के लिए हर जरूरी उपाय किए जाएं।


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