अब एयरबस खरीद घोटाले में चिदंबरम से पूछताछ, 43 विमानों की खरीद में 1000 करोड़ का घोटाला
दरअसल प्रफुल्ल पटेल ने पूछताछ के दौरान बताया था कि विमान खरीदने का फैसला सिर्फ उनका नहीं था बल्कि अधिकारप्राप्त मंत्रिमंडलीय समूह का था।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। एयर इंडिया के लिए 43 एयरबस विमान खरीद में हुए घोटाले के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय ने पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम से छह घंटे तक पूछताछ की। बताया जा रहा है कि एयर इंडिया के लिए 111 विमानों की खरीद को हरी झंडी देने वाले अधिकारप्राप्त मंत्रियों के समूह के प्रमुख के रूप में चिदंबरम से पूछताछ की गई है। इस मामले में ईडी काफी पहले ही तत्कालीन नागरिक उड्डयन मंत्री प्रफुल्ल पटेल से पूछताछ कर चुका है।
चिदंबरम की सीधी भूमिका के सबूत नहीं
ईडी के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार अभी तक पूरे घोटाले में पी चिदंबरम की सीधी भूमिका के सबूत नहीं मिले हैं, लेकिन अधिकारप्राप्त मंत्रियों के समूह के प्रमुख और वित्तमंत्री के रूप में पी चिदंबरम को विमान खरीदने की पूरी प्रक्रिया की जानकारी थी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पी चिदंबरम से विस्तार से यह पूछा गया कि आखिर एयरइंडिया के लिए 111 विमानों की खरीद की जरूरत का अंदाजा किस आधार पर लगाया गया। इसके साथ ही विमान खरीदने के दौरान सुरक्षा से संबंधित मंत्रिमंडलीय समूह के फैसले का उल्लंघन कैसे हुआ और वित्तमंत्रालय ने एयरबस को भुगतान करते समय इस पर आपत्ति क्यों नहीं जताई।
विमान खरीदने का फैसला अधिकारप्राप्त मंत्रिमंडलीय समूह का था
ईडी के सूत्रों के अनुसार दरअसल प्रफुल्ल पटेल ने पूछताछ के दौरान बताया था कि विमान खरीदने का फैसला सिर्फ उनका नहीं था, बल्कि अधिकारप्राप्त मंत्रिमंडलीय समूह का था। इसके साथ ही वित्तमंत्रालय से वे इस सौदे के बारे में लगातार संपर्क में थे।
प्रफुल्ल पटेल के बयान के आलोक में चिदंबरम से पूछताछ जरूरी था
वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि प्रफुल्ल पटेल के बयान के आलोक में पी चिदंबरम से पूछताछ जरूरी हो गया था। दरअसल संप्रग सरकार के दौरान शुरू में एयर इंडिया के लिए 28 विमान खरीदने का प्रस्ताव था। लेकिन बाद में सरकार ने एयर इंडिया के लिए बोइंग से 68 और एयरबस से 43 विमान खरीदने का फैसला किया।
एयरबस से विमान खरीदने में 1000 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ था
ईडी का आरोप है कि एयरबस से विमान खरीदने में 1000 करोड़ रुपये से अधिक का घोटाला हुआ था। ईडी के अनुसार 2006 में सीसीएस ने एयरबस से 43 विमानों की खरीद को हरी झंडी दी। समिति ने यह भी तय कर दिया था कि किस कीमत पर ये विमान खरीदे जाएंगे, लेकिन इसके साथ यह शर्त भी जोड़ी गई थी कि एयरबस को 17.5 करोड़ डॉलर (लगभग 1000 करोड़ रुपये) की लागत से भारत में ट्रेनिंग, मेंटेनेंस, रिपेयर और ओवरहालिंग की सुविधा विकसित करनी होगी।
भारत में 1000 करोड़ रुपये के निवेश की शर्त को हटा दिया
एयरबस से विमान तो उसी कीमत पर खरीदे गए, लेकिन ट्रेनिंग, मेंटीनेंस, रिपेयर और ओवरहाउल की सुविधा विकसित करने के लिए भारत में 1000 करोड़ रुपये के निवेश की शर्त को हटा दिया। इस तरह से एयरबस को सीधे-सीधे तौर पर 1000 करोड़ रुपये का फायदा पहुंचाया गया। इसके साथ ही एक नई शर्त जोड़ दी गई। जिसके अनुसार नए विमान को उड़ाने व अन्य ट्रेनिंग के लिए एयर इंडिया को अपने पायलट व स्टाफ को फ्रांस स्थित ब्लॉनैक, जर्मनी के हैमबर्ग, अमेरिका के मियामी या फिर चीन के बीजिंग स्थित एयरबस के ट्रेनिंग सेंटर में ट्रेनिंग का खर्च भी वहन करना होगा।