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पेगासस जासूसी मामले पर चिदंबरम का निशाना, कहा- जासूसी के आरोपों पर केवल भारत की सरकार चिंतित नहीं

पेगासस जासूसी मामले पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और देश के पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने सोमवार को केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि केवल भारत की सरकार जासूसी के आरोपों पर चिंतित नहीं है।उन्होंने कहा है कि यह मामला गंभीर है।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Mon, 26 Jul 2021 12:42 PM (IST)Updated: Mon, 26 Jul 2021 12:42 PM (IST)
पेगासस जासूसी मामले पर चिदंबरम का निशाना, कहा- जासूसी के आरोपों पर केवल भारत की सरकार चिंतित नहीं
पेगासस जासूसी मामले पर चिदंबरम का सरकार पर निशाना।(फोटो: दैनिक जागरण)

नई दिल्ली, प्रेट्र। पेगासस जासूसी के आरोपों पर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के इजरायली प्रधान मंत्री नफ्ताली बेनेट के साथ बात करने की खबरों के बीच वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने सोमवार को केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि एकमात्र सरकार जो इस मुद्दे पर बिल्कुल चिंतित नहीं है वह भारत की है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने इजरायल के प्रधान मंत्री नफ्ताली बेनेट से उन रिपोर्टों पर बात की है कि मोरक्को के सुरक्षा बलों के द्वारा उनके सेलफोन पर जासूसी करने के लिए पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल हो सकता है। मैक्रों ने 22 जुलाई को बेनेट को फोन किया और उनसे यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि इस मुद्दे को गंभीरता से लिया जा रहा है।

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इन रिपोर्टों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए चिदंबरम ने ट्वीट किया, "फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने इज़राइल के पीएम बेनेट को फोन किया और राष्ट्रपति सहित फ्रांस में फोन हैक करने के लिए पेगासस स्पाइवेयर के कथित उपयोग के बारे में पूरी जानकारी जानने की मांग की। पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने कहा कि पीएम बेनेट ने अपनी जांच के निष्कर्ष के साथ वापस आने का वादा किया। उन्होंने आगे सरकार पर हमला करते हुए कहा कि एकमात्र सरकार जो चिंतित नहीं है वह भारत सरकार है! चिदंबरम ने आगे पूछा कि क्या ऐसा इसलिए है क्योंकि सरकार जासूसी के बारे में पूरी तरह से अवगत थी और उसे इज़राइल या एनएसओ समूह से और जानकारी की आवश्यकता नहीं है।

इससे पहले पेगासस जासूसी मामले पर चिदंबरम ने रविवार को केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि यह मामला गंभीर है और सरकार को या तो इन सभी आरोपों की जांच संयुक्त संसदीय समिति द्वारा  करवानी चाहिए या फिर इसकी जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा न्यायाधीश की नियुक्ति करने का अनुरोध करना चाहिए। चिदंबरम ने मांग की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संसद में बयान देना चाहिए और स्पष्ट करना चाहिए कि क्या जासूसी की गई थी या नहीं।


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