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छत्तीसगढ़ की राजनीति में महिलाओं की सक्रियता तो बढ़ी लेकिन प्रतिनिधित्व नहीं

छत्तीसगढ़ की राजनीति में महिलाओं की सक्रियता तो बढ़ी है, लेकिन विधानसभा में उनका प्रतिनिधित्व नहीं बढ़ पा रहा है। राजनीतिक पार्टियां हर बार उनके अधिकार पर कुंडली मारती रही हैं।

By Kamal VermaEdited By: Published: Mon, 23 Jul 2018 04:38 PM (IST)Updated: Mon, 23 Jul 2018 04:38 PM (IST)
छत्तीसगढ़ की राजनीति में महिलाओं की सक्रियता तो बढ़ी लेकिन प्रतिनिधित्व नहीं
छत्तीसगढ़ की राजनीति में महिलाओं की सक्रियता तो बढ़ी लेकिन प्रतिनिधित्व नहीं

रायपुर (संजीत कुमार)। छत्तीसगढ़ की राजनीति में महिलाओं की सक्रियता तो बढ़ी है, लेकिन विधानसभा में उनका प्रतिनिधित्व नहीं बढ़ पा रहा है। राजनीतिक पार्टियां हर बार उनके अधिकार पर कुंडली मारती रही हैं। 33 फीसद तो दूर पार्टियां उन्हें 15 फीसद सीट भी नहीं दे रही हैं। अब तक हुए तीन चुनाव में दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों ने महज नौ से 13 फीसद ही टिकट महिलाओं को दिया है, जबकि वोटिंग के मामले में महिलाएं पुरुषों के बराबर हैं। हर चुनाव में करीब 70 फीसद महिलाएं मताधिकार का प्रयोग करती हैं। बीते चुनाव में पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं का वोटिंग फीसद अधिक रहा था।

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भाजपा की अपेक्षा कांग्रेस अधिक उदार 

महिलाओं को टिकट देने के मामले में भाजपा की अपेक्षा कांग्रेस अधिक उदार रही है। हर चुनाव में कांग्रेस में महिला प्रत्याशियों की संख्या भाजपा और अन्य दलों से अधिक रहती है। 2003 में कांग्रेस ने आठ महिलाओं को टिकट दिया, जबकि 2008 में 10 तथा पिछले चुनाव में सर्वाधिक 14 महिला प्रत्याशियों को मैदान में उतारा। इसके विपरीत भाजपा ने क्रमश: छह, 10 व 11 महिलाओं को टिकट दिया। इसके बावजूद चुनाव जीतकर सदन में पहुंचने के मामले में भाजपा की महिलाएं आगे हैं।

हर बार बढ़ रही सक्रियता 

वर्ष 2000 में अस्तित्व में आए छत्तीसगढ़ में विधानसभा का पहला चुनाव 2003 में हुआ। उस चुनाव में राज्य की 90 में से 46 सीटों पर 94 महिला प्रत्याशियों ने भाग्य आजमाया। 2008 में सीटों की संख्या बढ़कर 56 और प्रत्याशियों की संख्या 131 पहुंच गई। बीते 2013 के चुनाव में 57 सीटों पर महिला प्रत्याशी चुनाव लड़ीं, हालांकि 2008 के मुकाबले प्रत्याशियों की संख्या घटकर 119 हो गई। 

क्‍या कहना है इनका 

छत्तीसगढ़ भाजपा महिला मोर्च की अध्यक्ष पूजा विधानी के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी में महिलाओं को अच्छा प्रतिनिधित्व मिलता रहा है। पार्टी के संगठन के अन्य मोर्चो की तुलना में महिला मोर्चा ज्यादा सक्रिय भी है। इस बार उम्मीद करते हैं कि पहले से ज्यादा प्रतिनिधित्व का मौका मिलेगा।

छत्तीसगढ़ में महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष फूलेदेवी नेताम का कहना है कि भाजपा की अपेक्षा कांग्रेस अधिक महिलाओं को टिकट देती रही है। वैसे भी हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष ने महिलाओं के लिए 33 फीसद कोटे का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दे रखा है। उम्मीद हैं कि इस बार पार्टी अधिक से अधिक महिलाओं को टिकट देगी। 


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