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छत्तीसगढ़ में छलका कांग्रेसियों का दर्द, कहा-मंत्रियों से दलाल जुड़ गए

कांग्रेस के प्रदेश पदाधिकारियों ने कहा कि जो नेता मंत्री और विधायक बन गए हैं, उनके साथ उन्होंने भी 15 साल सुख-दुख झेला है। अब उन्हें किनारे करके दलाल किस्म के लोग मंत्रियों के साथ जुड़ गए हैं।

By Arti YadavEdited By: Published: Thu, 10 Jan 2019 08:41 AM (IST)Updated: Thu, 10 Jan 2019 08:41 AM (IST)
छत्तीसगढ़ में छलका कांग्रेसियों का दर्द, कहा-मंत्रियों से दलाल जुड़ गए
छत्तीसगढ़ में छलका कांग्रेसियों का दर्द, कहा-मंत्रियों से दलाल जुड़ गए

रायपुर, नईदुनिया। छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव की तैयारी पर चर्चा करने के लिए जुटे कांग्रेस के प्रदेश पदाधिकारियों ने सुझाव से ज्यादा शिकवा-शिकायतें कीं। उन्होंने कहा कि जो नेता मंत्री और विधायक बन गए हैं, उनके साथ उन्होंने भी 15 साल सुख-दुख झेला है। पुलिस की लाठी-डंडे खाए हैं, लेकिन अब जब पार्टी सत्ता में आई है, तो उन्हें किनारे करके दलाल किस्म के लोग मंत्रियों के साथ जुड़ गए हैं। जिन पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने 68 प्रत्याशियों को जिताया है, अब उन्हें क्या मिलेगा? कई प्रदेश पदाधिकारियों ने खुलकर निगम-मंडल में पद मांगा।

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कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में बुधवार को लोकसभा चुनाव की तैयारी के लिए तीन बैठकें हुई। तीनों बैठकें प्रदेश प्रभारी डॉ. चंदन यादव और अरण उरांव ने ली। पहली बैठक में प्रदेश उपाध्यक्ष, प्रदेश महामंत्री और कार्यकारिणी सदस्य थे। इसमें प्रदेश प्रभारी सचिवों ने पदाधिकारियों से कहा कि वह किस क्षेत्र में और किस तरह की जिम्मेदारी लेना चाहते हैं। वह लिखकर 15 जनवरी तक प्रदेश प्रभारी महामंत्री गिरिश देवांगन को दे दें। 20 जनवरी तक काम बांट दिया जाएगा। डॉ. यादव ने स्पष्ट कहा कि जिम्मेदारी किसी पर थोपी नहीं जाएगी। जिसे जो काम पसंद होगा, वैसी ही जिम्मेदारी मिलेगी।

उरांव ने कहा कि अब समय नहीं है। प्रशिक्षण शिविर से लेकर प्रत्याशी चयन तक की प्रक्रिया लंबी है और अब इस काम में पूरी तरह से जुट जाना है। दूसरी बैठक प्रदेश सचिवों, संयुक्त सचिवों और संयुक्त महामंत्रियों की हुई। इसमें ज्यादातर पदाधिकारियों ने केवल शिकायतें कीं। तीसरी बैठक संचार विभाग, प्रवक्ताओं और मीडिया पैनलिस्ट की हुई। इसमें संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेष नितिन त्रिवेदी और मुख्य प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला भी उपस्थित थे।

पदाधिकारियों ने दिए सुझाव, पुलिंदा लेकर महामंत्री दिल्ली रवाना
प्रदेश पदाधिकारियों ने कहा कि सबसे पहले तो मतदाता सूची में नाम जुड़वाने का काम किया जाना चाहिए। विधानसभा क्षेत्रवार प्रशिक्षण शिविर को जल्द शुरू किया जाए। न्यूज चैनल की चुनावी चर्चाओं में जाने से पहले विषयों का अध्ययन किया जाए, ताकि ठोस बातें रखी जा सकें। केंद्र की योजनाओं की पोल खोली जाए, ताकि झूठे प्रचार के पीछे की सच्चाई को जनता समझ सके। अलग-अलग वर्ग को साधने के लिए मोर्चा-संगठनों और विभागों को जिम्मेदारी दी जाए। विधानसभा चुनाव में जिस बूथ में कांग्रेस कमजोर रही, उन्हें ज्यादा फोकस करें। ऐसे कई और सुझावों का पुलिंदा लेकर प्रभारी प्रदेश महामंत्री गिरिश देवांगन दिल्ली रवाना हो गए। गुरुवार को दिल्ली में सभी राज्यों के अध्यक्षों की बैठक होगी। विधानसभा सत्र में व्यस्तता के कारण मुख्यमंत्री व पीसीसी अध्यक्ष भूपेश बघेल बैठक में शामिल नहीं हो पाएंगे।

मीडिया पैनलस्टिों का पद खत्म
प्रदेश प्रभारी सचिवों ने मीडिया पैनलिस्टों के पद को खत्म कर दिया है। लगभग तीन दर्जन मीडिया पैनलिस्ट थे। अब केवल संचार विभाग और प्रवक्ता ही पार्टी की बातों को रखेंगे। 


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