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छत्तीसगढ़ : नामांकन खारिज होने पर बोले अमित जोगी, कांग्रेस ने भी माना मुझे हरा पाना असंभव

अमित जोगी ने कहा कि सबसे बड़ी अदालत जनता की है। इन लोगों ने भले ही मुझे चुनाव से अलग कर दिया हो लेकिन मरवाही और जोगी को अलग नहीं किया जा सकता है।सरकार ने स्वीकार कर लिया कि जोगी को हराना मुश्किल ही नहीं बल्कि असंभव है।

By Neel RajputEdited By: Published: Sun, 18 Oct 2020 09:40 AM (IST)Updated: Sun, 18 Oct 2020 09:40 AM (IST)
छत्तीसगढ़ : नामांकन खारिज होने पर बोले अमित जोगी, कांग्रेस ने भी माना मुझे हरा पाना असंभव
छत्तीसगढ़ उपचुनाव के लिए अमित जोगी का नामांकन रद कर दिया गया

मरवाही, एएनआइ। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जेसीसी) के प्रमुख अमित जोगी ने कहा कि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने स्वीकार कर लिया है कि मुझे चुनाव में हराना असंभव है और इस कारण उन्हें मेरा नामांकन खारिज करना पड़ा।

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अमित जोगी ने कहा, 'सबसे बड़ी अदालत जनता की है। इन लोगों ने भले ही मुझे चुनाव से अलग कर दिया हो, लेकिन मरवाही और जोगी को अलग नहीं किया जा सकता है। अब यह साबित हो चुका है कि सरकार ने स्वीकार कर लिया कि जोगी को हराना मुश्किल ही नहीं बल्कि असंभव है इसी वजह से उन्हें यह कदम उठाना पड़ा। हम अदालतों में अपनी लड़ाई जारी रखेंगे और जनता के बीच भी।'

वहीं, इससे पहले अमित जोगी ने फैसले पर निराशा जताते हुए कहा था कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अकेले ही कुश्ती लड़ कर जीतना चाहते हैं। मुख्यमंत्री के इशारे पर कलेक्टर ने यह फैसला लिया है।

गौरतलब है कि मरवाही निर्वाचन क्षेत्र में आगामी उप-चुनावों के लिए अमित जोगी और उनकी पत्नी ऋचा जोगी दोनों के नामांकन कल अयोग्य घोषित किए गए थे। 15 अक्टूबर को एक उच्च-स्तरीय जांच समिति ने अमित जोगी का जाति प्रमाण पत्र रद्द कर दिया था। दोनों के जाति प्रमाण पत्र को लेकर कांग्रेस उम्मीदवार डा. केके ध्रुव व राष्ट्रीय गोंडवाना गणतंत्र पार्टी की प्रत्याशी उर्मिला मार्को की तरफ से आपत्ति दर्ज कराई गई थी। जोगी और उनकी पत्नी का नामांकन निरस्त होने पर कांग्रेस प्रत्याशी ध्रुव के वकील ने खुशी जाहिर की और इसे सच्चाई की जीत बताया।

वकील ने बताया, 'हमने अमित जोगी के जाति प्रमाण पत्र को लेकर आपत्ति जताई थी और इसे रद करने की मांग की थी। इसके बाद अमित जोगी का नामांकन अयोग्य घोषित कर दिया गया। मरवाही एक एसटी सीट है, इसलिए, हमने अपनी आपत्ति जताई थी। उनकी पत्नी के मामले में, हमने कहा था कि उनका प्रमाणपत्र जिला स्तरीय जांच समिति ने रद कर दिया था, और इसे राज्य-स्तरीय समिति को भेज दिया था, इसलिए उनका नामांकन भी अयोग्य घोषित कर दिया गया था।'


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