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भूपेश बघेल ने चौथी बार लिखा पीएम मोदी को पत्र, धान खरीदी के मसले पर कही ये बात

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को एक बार फिर पत्र लिखा है।समर्थन मूल्य पर धान खरीदी में सहयोग को लेकर उन्होंने पत्र लिखा है।

By Ayushi TyagiEdited By: Published: Tue, 19 Nov 2019 03:46 PM (IST)Updated: Tue, 19 Nov 2019 03:46 PM (IST)
भूपेश बघेल ने चौथी बार लिखा पीएम मोदी को पत्र, धान खरीदी के मसले पर कही ये बात
भूपेश बघेल ने चौथी बार लिखा पीएम मोदी को पत्र, धान खरीदी के मसले पर कही ये बात

 रायपुर, जेएनएन। समर्थन मूल्य पर धान खरीदी में सहयोग और सेन्ट्रल पूल से खरीदी का कोटा बढ़ाने की मांग को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के में चल रही खींचतान के बीच छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को एक बार फिर पत्र लिखा है। छत्तीसगढ़ में 2500 स्र्पये प्रति क्विंटल की दर पर धान उपार्जन करने और 32 लाख मेट्रिक टन चावल केन्द्रीय पूल में लेने का आग्रह मुख्यमंत्री ने इस पत्र में प्रधानमंत्री से किया है।

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मुख्यमंत्री बघेल ने अपने पत्र में कहा है कि यदि भारत सरकार द्वारा समर्थन मूल्य में वृद्धि नहीं की जाती है, तो राज्य को वर्ष 2017 और वर्ष 2018 की भांति ही उपार्जन के एमओयू की शर्तों में शिथिलता प्रदान की जाए ताकि राज्य सरकार द्वारा अपने संसाधनों से प्रदेश के किसानों को उनकी उपज का समूचित मूल्य दिलाया जा सके। 

 इससे पहले मुख्यमंत्री बघेल ने केंद्रीय खाद्य मंत्री से दिल्ली जाकर इस मसले पर चर्चा भी की थी। दरअसल कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में छत्तीसगढ़ में किसानों को धान का समर्थन मूल्य बोनस के साथ 2500 स्र्पये प्रति क्वींटल देने का वादा किया था, लेकिन आर्थिक तंगी से जूझ रहे राज्य में इस वादे को पूरा कर पाना राज्य सरकार के लिए थोड़ा मुश्किल हो रहा है। इसी को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री किसानों के हित का हवाला देते हुए लगातार केंद्र सरकार से सहयोग की अपील कर कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री बघेल ने राष्ट्रीय स्तर के इस आर्थिक विषय पर चर्चा के लिए प्रधानमंत्री से समय देने का अनुरोध भी किया है। बता दें कि इससे पूर्व भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल प्रधानमंत्री मोदी को इस संबंध में पत्र लिख चुके हैं। उन्होंने पीएम के साथ इस विषय पर चर्चा के लिए समय भी मांगा था, लेकिन प्रधानमंत्री की व्यस्तता के चलते दोनों के बीच बातचीत नहीं हो पाई। 

मुख्यमंत्री बघेल ने अपने पत्र में छत्तीसगढ़ प्रदेश में विकेन्द्रीकृत उपार्जन योजना के अंतर्गत प्रतिवर्ष वृहद मात्रा में राज्य की आवश्यकताओं और केन्द्रीय पूल के लिए धान का उपार्जन किया जाता है। धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि कर स्र्पये 2500 प्रति क्विंटल किए जाने और इस वर्ष केन्द्रीय पूल में 32 लाख मेट्रिक टन चावल छत्तीसगढ़ से प्रदाय किए की मांग रखी है। इससे पूर्व 5 जुलाई, 25 अक्टूबर और 30 अक्टूबर 2019 को भी मुख्यमंत्री ने इस संदर्भ का पत्र प्रधानमंत्री को लिखा था। 

बघेल ने अपने पत्र में किसानों की आर्थिक सुदृढ़ता का हवाला देते हुए कहा है कि खाद्य मंत्रालय भारत सरकार द्वारा 24 अक्टूबर को यह सूचित किया गया है कि भारत सरकार द्वारा घोषित समर्थन मूल्य के अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि किसानों को दिए जाने की स्थिति में केन्द्रीय पूल हेतु चावल व धान प्राप्त नहीं किया जाएगा। मैं आपके ध्यान में लाना चाहूंगा कि किसानों को उनकी उपज का उचित दाम दिए जाने के फलस्वरूप छत्तीसगढ़ में मैदानी स्तर पर समृद्धि तथा विकास गतिमान हुआ है और निर्माण, वाहन क्रय आदि क्षेत्रों में राष्ट्रीय स्तर पर मंदी के प्रभाव से छत्तीसगढ़ अछूता रहा है।

इस दृष्टि से भी स्पष्ट है कि समर्थन मूल्य में वृद्धि तथा किसानों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाए जाने से आर्थिक व्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। मुख्यमंत्री ने लिखा है कि धान का कटोरा के नाम से विख्यात छत्तीसगढ़ में यदि केन्द्र सरकार के निर्णय के अनुक्रम में उपार्जन प्रभावित होता है तो उसके दूरगामी नकारात्मक परिणाम होंगे। 


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