केंद्र देना चाहता है हर व्यक्ति को रोजाना 55 लीटर पानी तो राज्यों ने मांगा इतने लीटर
राज्यों ने जल जीवन मिशन के तहत हर घर तक नल से जल पहुंचाने के लिए केंद्र से भारी भरकम धनराशि की मांग भी की है।
नई दिल्ली, हरिकिशन शर्मा। मोदी सरकार के महत्वाकांक्षी 'जल जीवन मिशन' के शुरु होने से पहले ही राज्यों ने अपनी मांगों की फेहरिस्त केंद्र के समक्ष रख दी है। उनकी प्रमुख मांग 'हर घर नल से जल' कार्यक्रम में हर व्यक्ति को रोजाना मिलने वाले पानी की मात्रा को बढ़ाने की है।
केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय ने इसके तहत 55 LPCD (लीटर प्रतिव्यक्ति प्रतिदिन) पानी देने का लक्ष्य रखा है जबकि राज्य इसे बढ़ाकर 70 LPCD करने की मांग कर रहे हैं। साथ ही कई राज्यों ने इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए केंद्र से भारी भरकम धनराशि की भी मांग की है। खास बात यह है कि इन मुद्दों पर कांग्रेस और भाजपा शासित राज्यों की राय एक जैसी है।
राज्यों ने उठायी मांग
सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र शेखावत की अध्यक्षता में सोमवार को 'जल जीवन मिशन' पर राज्यों के मंत्रियों की बैठक में उत्तर प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, बिहार और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों ने यह मांग उठायी।
बैठक में शामिल हुए उत्तर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डा. महेन्द्र सिंह ने कहा कि सरकार को 'जल जीवन मिशन' के तहत प्रस्तावित 55 LPCD के लक्ष्य को बढ़ाकर 70 LPCD कर देना चाहिए। इसी तरह राजस्थान की कांग्रेस सरकार के ऊर्जा एवं पीएचईडी मंत्री बी डी कल्ला ने भी जल उपलब्ध करवाने के लक्ष्य को 55 लीटर प्रतिदिन प्रतिव्यक्ति की जगह 70 लीटर प्रतिदिन प्रतिव्यक्ति करने की मांग की।
रोजाना 70 लीटर जलआपूर्ति करने की मांग
बैठक में शामिल हुए तमिलनाडु की अन्नाद्रमुक सरकार के में जलआपूर्ति मंत्री एस पी वेलुमणि ने भी सभी परिवारों को पाइप से जल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए हर दिन प्रति व्यक्ति 70 लीटर जलआपूर्ति करने की मांग की।
सूत्रों ने कहा कि राज्यों ने जल जीवन मिशन के तहत हर घर तक नल से जल पहुंचाने के लिए केंद्र से भारी भरकम धनराशि की मांग भी की। उत्तर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री ने कहा कि उनके राज्य में 2024 तक सभी बस्तियों तक पेयजल पहुंचाने के लिए केंद्र से 1.20 लाख करोड़ रुपये की दरकार है। इसी तरह बिहार के पीएचईडी मंत्री विनोद नारायण झा ने राज्य को तत्काल 8,000 करोड़ रुपये का अनुदान जारी करने की मांग की।
600 करोड़ रुपये जारी करने की भी मांग
इसी तरह मध्य प्रदेश के पीएचईडी मंत्री सुखदेव पांसे ने भी राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में किये जा रहे पेयजल आपूर्ति के कार्यो को पूरा करने के लिए केंद्रीय योगदान के रूप 600 करोड़ रुपये जारी करने की मांग भी की। वहीं तमिलनाडु ने भी कहा कि मौजूदा जल वितरण तंत्र को मजबूत करने तथा नयी लाइनें बिछाने के लिए राज्य सरकार को लगभग 47000 करोड़ रुपये की दरकार होगी।
सूत्रों के मुताबिक वित्त वर्ष 2019-20 से 2023-24 के दौरान 'जल जीवन मिशन' पर भारी भरकम 3,60,000 करोड़ रुपये खर्च आने का अनुमान है। इसके तहत अगले पांच वर्षो में 14 करोड़ से अधिक परिवारों को पानी का कनेक्शन मुहैया कराया जाएगा और प्रति व्यक्ति प्रतिदिन कम से कम 55 लीटर जल की आपूर्ति की जाएगी।
भाजपा के घोषणापत्र में था 'जल जीवन मिशन'
भारतीय जनता पार्टी ने 2019 के लोक सभा के अपने घोषणापत्र में 'जल जीवन मिशन' शुरु कर हर घर को 2024 तक नल से जल उपलब्ध कराने का वादा किया था। पार्टी ने नया जल शक्ति मंत्रालय बनाने का वादा भी किया था। इसके बाद सरकार ने तत्कालीन पेयजल आपूर्ति और स्वच्छता विभाग और जल संसाधन मंत्रालय को मिलाकर जल शक्ति मंत्रालय का गठन किया।
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