केंद्र सरकार ने दी जीएसटी अपीलीय ट्रिब्यूनल की स्थापना को मंजूरी
जीएसटी से जुड़े विवादों के निस्तारण के लिए सरकार ने जीएसटी अपीलीय ट्रिब्यूनल (जीएसटीएटी) की राष्ट्रीय पीठ स्थापित करने का फैसला किया है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। जीएसटी से जुड़े विवादों के निस्तारण के लिए सरकार ने जीएसटी अपीलीय ट्रिब्यूनल (जीएसटीएटी) की राष्ट्रीय पीठ स्थापित करने का फैसला किया है। यह पीठ राज्य स्तर पर जीएसटी से जुड़े मामलों में भिन्न मत होने के मामलों को देखेगी। साथ ही यह विवाद के मामलों में अपील के दूसरे फोरम के तौर पर भी काम करेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव पर मुहर लगायी गयी। जीएसटीएटी की राष्ट्रीय पीठ नई दिल्ली में स्थापित होगी और इसमें केंद्र तथा राज्यों से एक-एक सदस्य के साथ एक अध्यक्ष भी होगा।
कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि जीएसटी अपीलीय ट्रिब्यूनल की राष्ट्रीय पीठ स्थापित होने से जीएसटी कानून के तहत विवादों का शीघ्र निपटारा हो सकेगा।
गौरतलब है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की दिसंबर में हुई बैठक में केंद्रीयकृत अपीलीय प्राधिकरण बनाने का निर्णय किया गया था।
सरकार का कहना है कि इस पीठ की स्थापना पर एक बार में 92.50 लाख रुपये खर्च होगा जबकि सालाना 6.86 करोड़ रुपये का व्यय आएगा। यह जीएसटी के तहत विवादों के निस्तारण के लिए द्वितीय फोरम और केंद्र तथा राज्यों के बीच विवाद निपटाने के लिए कॉमन फोरम के तौर पर काम करेगी। इससे एडवांस रूलिंग की अपीलीय अथॉरिटी के परस्पर विरोधी निर्णयों के चलते बनने वाली भ्रम की स्थिति को दूर करने में मदद मिलेगी।
कैबिनेट ने दिल्ली मेट्रो के गाजियाबाद नए बस अड्डे तक विस्तार को मंजूरी दी
सरकार ने दिल्ली मेट्रो के दिलशाद गार्डन से गाजियाबाद के नए बस अड्डे तक विस्तार को मंजूरी दे दी है। इससे गाजियाबाद से दिल्ली आने-जाने वाले दैनिक यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी। दिलशाद गार्डन से गाजियाबाद नए बस अड्डे तक दिल्ली मेट्रो की इस लाइन की लंबाई 9.41 किलोमीटर होगी। इस लाइन पर 1781 करोड़ रुपये की लागत आएगी और केंद्र सरकार इसमें 324.87 करोड़ रुपये का योगदान करेगी।
पूर्वोत्तर में स्वायत्त परिषदों को मजबूत बनाने का फैसला
लोक सभा चुनाव से पूर्व आदिवासियों को रिझाने के लिए सरकार ने पूर्वोत्तर राज्यों में 10 स्वायत्त परिषदों को ताकतवर बनाने का फैसला किया है। इसके तहत इन राज्यों में स्वायत्त परिषदों को अधिक धन और शक्तियां प्रदान की जाएंगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी। इसके तहत सरकार संविधान के अनुच्छेद 280 और छठी अनुसूची में संशोधन करेगी। सरकार इस संशोधन को ऐतिहासिक करार दे रही है। इसके तहत वित्त आयोग को भी इन क्षेत्रों के लिए धनराशि आवंटित करने का अधिकार दिया जाएगा।
इसके अलावा इन परिषदों को सार्वजनिक कार्य, वन, सार्वजनिक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण सहित 30 कार्य भी सौंपे जाएंगे। इससे असम, मेघालय, मिजोरम और त्रिपुरा में स्वायत्त परिषदों को और अधिकार मिल जाएंगे। पूर्वोत्तर में आदिवासियों की यह लंबी मांग थी।