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रमजान के चलते केंद्र की पहल, जम्मू-कश्मीर में संघर्ष विराम पर अमल शुरू, नहीं चलेगा कासो

रमजान का पवित्र महीना गुरुवार से शुरू होते ही जम्मू कश्मीर में केंद्र सरकार का संघर्ष विराम शुरू हो गया।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Thu, 17 May 2018 09:29 PM (IST)Updated: Thu, 17 May 2018 09:29 PM (IST)
रमजान के चलते केंद्र की पहल, जम्मू-कश्मीर में संघर्ष विराम पर अमल शुरू, नहीं चलेगा कासो
रमजान के चलते केंद्र की पहल, जम्मू-कश्मीर में संघर्ष विराम पर अमल शुरू, नहीं चलेगा कासो

राज्य ब्यूरो, जम्मू। रमजान का पवित्र महीना गुरुवार से शुरू होते ही जम्मू कश्मीर में केंद्र सरकार का संघर्ष विराम शुरू हो गया। रमजान में सेना और सुरक्षाबलों का घेराबंदी कर तलाशी अभियान (कासो) नहीं चलेगा। हालांकि, राज्य में आतंकियों की किसी भी कार्रवाई का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए सेना व सुरक्षाबलों को खुली छूट होगी।

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-जरूरत पड़ने पर सेना व सुरक्षाबलों को कार्रवाई की छूट

केंद्र सरकार के बुधवार को संघर्ष विराम की घोषणा के बाद आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने इसे महज ड्रामा करार देते हुए इसे मानने से इन्कार कर दिया था। गुरुवार को कश्मीर में अलगाववादी सैयद अली शाह गिलानी की अध्यक्षता वाली ज्वाइंट रजिस्टेंस लीडरशिप (जेआरएल) ने भी संघर्ष विराम को कश्मीरियों के साथ मजाक बताया।

ऐसे हालात में केंद्र सरकार के निर्देश पर गुरुवार को सेना व सुरक्षाबलों के साथ जम्मू कश्मीर पुलिस ने भी यह हिदायत जारी की है कि संघर्ष विराम को प्रभावी बनाकर शांति कायम करने के पूरे प्रयास किए जाएं। इन हालात में आतंकियों के खिलाफ अभियान चलाने में पहल नहीं की जाएगी ताकि कश्मीर में लोग शांति से रमजान में रोजे रख सकें।

ऑपरेशन ऑलआउट पर भी बंदिश

कश्मीर में आतंकियों पर दबाव बनाने के लिए सेना व सुरक्षाबलों ने ऑपरेशन ऑलआउट चलाया था। आतंकियों को मार गिराने के अभियान में पत्थरबाज आड़े आ जाते थे और ¨हसक प्रदर्शन शुरू हो जाते थे। अब ऐसे हालात से बचने के लिए रमजान के महीने में ऑपरेशन ऑलआउट पर भी बंदिश रहेगी।

गुमराह बच्चों को मुख्यधारा में वापस लाएं: वैद

जम्मू कश्मीर पुलिस के महानिदेशक डॉ. एसपी वैद ने हथियार उठा चुके कश्मीरी युवाओं के परिजनों को इस मौके का लाभ उठाने की सलाह दी है। उन्होंने गुरुवार को सोशल साइट ट्वीटर पर लिखा है कि परिवार अपने गुमराह बच्चों को मुख्यधारा में लौटने के लिए प्रेरित करें। आतंकी बन गए युवाओं के लिए रमजान में शांतिपूर्वक ¨जदगी बसर करने का अच्छा मौका है।

संघर्ष विराम के खिलाफ अलगाववादी मुखर, गिलानी के घर हुई बैठक

दूसरी ओर कश्मीर में अलगाववादियों ने केंद्र सरकार के संघर्ष विराम को महज औपचारिकता करार दिया है। अलगाववादी मीरवाइज उमर फारूक ने कहा है कि केंद्र सरकार का संघर्ष विराम दिखावे के अलावा कुछ नहीं है। अलगाववादियों के संगठन जेआरएल ने भी इसे मजाक बताया। गुरुवार को अलगाववादी सैयद अली शाह गिलानी के आवास पर हुई बैठक में मीरवाइज उमर फारूक व यासीन मलिक ने संघर्ष विराम को लेकर रणनीति तय करने के बाद इसके खिलाफ बयान जारी कर दिया।


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