केंद्र ने दी सफाई, इस्तीफा देने वाले सदस्यों ने एनएससी की बैठक में कभी नहीं जताई चिंता
कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने कहा कि दोनों सदस्यों के इस्तीफे से सरकार के कुशासन के आंकड़ों को छिपाने की कोशिश उजागर हुई है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग (एनएससी) से इस्तीफा देने वाले सदस्यों ने जिन कारणों का हवाला दिया है, उनके बारे में उन्होंने हाल के महीनों में हुई आयोग की बैठकों में कोई चिंता प्रकट नहीं की थी। सरकार एनएससी के परामर्श को महत्व देती है और उसके आधार पर उचित निर्णय करती है। एनएससी के दो स्वतंत्र सदस्यों पीसी मोहनन और जेवी मीनाक्षी के इस्तीफे के बाद खड़ा हुए विवाद के मद्देनजर सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने यह स्पष्टीकरण दिया है।
दोनों सदस्यों ने जीडीपी के बैक-सीरीज आंकड़ों पर असहमति और लेबर फोर्स सर्वे में विलंब के चलते आयोग से इस्तीफा दिया है। मोहनन फिलहाल एनएससी के कार्यवाहक अध्यक्ष भी थे। मोहनन का कहना है कि उन्होंने एनएससी से इसलिए इस्तीफा दिया क्योंकि इस समय आयोग उतना प्रभावी नहीं है और उन्हें महसूस हुआ कि वे आयोग की जिम्मेदारी निभाने में असमर्थ हैं।
हालांकि, मंत्रालय का कहना है कि सदस्यों ने हाल में हुई आयोग की बैठकों में इस बारे में कोई चिंता प्रकट नहीं की। मंत्रालय ने कहा कि जहां तक लेबर फोर्स सर्वे का सवाल है तो नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस (एनएसएसओ) जुलाई 2017 से दिसंबर 2018 तक के आंकड़ों को तैयार कर रहा है और इसके बाद ही रिपोर्ट जारी की जाएगी।
भारत की आबादी को देखते हुए यह जरूरी है कि रोजगार मापने के उपायों में सुधार किया जाए। इस दिशा में कदम उठाते हुए मंत्रालय ने कर्मचारी भविष्य निधि यानी ईपीएफओ और कर्मचारी राज्य बीमा यानी ईएसआइ और नेशनल पेंशन स्कीम में जुड़ने वाले नए सदस्यों के आंकड़ों को संकलित कर जारी करने का काम किया है।
मंत्रालय ने जीडीपी के बैक-सीरीज आंकड़ों के बारे में सफाई देते हुए कहा कि उसने खुद ही मंत्रालय को इन आंकड़ों को अंतिम रूप देकर जारी करने को कहा था। गौरतलब है कि जीडीपी के बैक-सीरीज आंकड़े जारी होने के बाद देशभर में विवाद खड़ा हो गया था। इन आंकड़ों में बताया गया था कि एनडीए के कार्यकाल में विकास दर यूपीए के कार्यकाल से अधिक रही थी।
कांग्रेस ने सरकार पर बोला हमला
एनएससी के दो सदस्यों के इस्तीफे ने कांग्रेस को सरकार पर हमला बोलने का मौका दे दिया। कांग्रेस ने बुधवार को कहा कि सरकार की उदासीनता के कारण एक और महत्वपूर्ण संस्था खत्म हो गई। वरिष्ठ कांग्रेस नेता व पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि एनएससी के खत्म होने पर उनकी पार्टी को दुख है।
आयोग जीडीपी और बेरोजगारी के सही आंकड़ों को जारी कराने को लेकर लड़ी गई लड़ाई के लिए जानी जाएगी। अहमद पटेल ने कहा कि दोनों सदस्यों के इस्तीफे से सरकार के कुशासन के आंकड़ों को छिपाने की कोशिश उजागर हुई है।
पार्टी प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने चिंता जताई कि क्या ये इस्तीफे नौकरियों की बहुत खराब स्थिति के दबाव में आए हैं? क्या एनएससी पर आंकड़ों से छेड़छाड़ के लिए दबाव बनाया जा रहा था?