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CBI Vs CBI: एम. नागेश्वर राव की नियुक्ति के खिलाफ SC में याचिका, सुनवाई को तैयार कोर्ट

CBI Vs CBI सुप्रीम कोर्ट एम नागेश्वर राव को सीबीआई का अंतरिम डायरेक्टर नियुक्त करने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करने को सहमत हो गई है। कोर्ट इस मामले की सुनवाई अगले हफ्ते करेगा।

By TaniskEdited By: Published: Wed, 16 Jan 2019 11:19 AM (IST)Updated: Wed, 16 Jan 2019 11:23 AM (IST)
CBI Vs CBI: एम. नागेश्वर राव की नियुक्ति के खिलाफ SC में याचिका, सुनवाई को तैयार कोर्ट
CBI Vs CBI: एम. नागेश्वर राव की नियुक्ति के खिलाफ SC में याचिका, सुनवाई को तैयार कोर्ट

नई दिल्ली, एएनआइ। CBI Vs CBI सुप्रीम कोर्ट एम नागेश्वर राव को सीबीआई का अंतरिम डायरेक्टर नियुक्त करने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करने को सहमत हो गई है। कोर्ट इस मामले की सुनवाई अगले हफ्ते करेगा। इस याचिका में CBI निदेशक की शॉर्ट-लिस्टिंग,चयन और नियुक्ति की प्रक्रिया में पारदर्शिता की भी मांग की गई है।

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बता दें कि दायर याचिका में सरकार के 10 जनवरी के आदेश को निरस्त करने की मांग की गई है। सीबीआइ के अतिरिक्त निदेशक राव को नए निदेशक की नियुक्ति होने तक जांच एजेंसी के अंतरिम प्रमुख का प्रभार दिया गया है। यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली उच्चाधिकार प्राप्त समिति द्वारा भ्रष्टाचार के और कर्तव्य में लापरवाही के आरोप में आलोक वर्मा को सीबीआइ प्रमुख के पद से हटाए जाने के बाद उठाया गया।

आरटीआइ कार्यकर्ता अंजली भारद्वाज और एनजीओ कामन कॉज की ओर से दायर याचिका में सीबीआइ निदेशक की नियुक्ति की प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए विशेष तंत्र तय करने की भी मांग की गई है। याचिका में यह आरोप लगाया गया है कि राव की नियुक्ति उच्चाधिकार प्राप्त चयन समिति की सिफारिशों के आधार पर नहीं की गई है। इस समिति में प्रधानमंत्री,सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के नेता और शीर्ष कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश या उनके द्वारा नामित न्यायाधीश इसमें शामिल होते हैं।

अधिवक्ता प्रशांत भूषण के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है कि असल में लगता है कि समिति ने पूरी तरह से अनदेखा किया गया है और नागेश्वर राव की नियुक्ति में कोई भूमिका नहीं है। इसलिए नियुक्ति को गैरकानूनी माना जाय क्योंकि यह निदेशक की नियुक्ति के लिए तय प्रक्रिया का उल्लंघन है। सीबीआइ डीएसपीई (दिल्ली स्पेशल पुलिस एस्टैबलिशमेंट) अधिनियम के तहत आता है।

इसमें कहा गया है कि पिछले वर्ष 23 अक्टूबर के राव को सीबीआइ का अंतरिम निदेशक नियुक्त करने के आदेश को शीर्ष अदालत ने आठ जनवरी को निरस्त कर दिया था। इसके बाद भी सरकार ने पूरी तरह से दुर्भावना,भेदभाव और गैरकानूनी तरीके से काम किया। उनकी फिर से की गई नियुक्ति पूरी तरह से डीएसपीई अधिनियम के विपरीत है। याचिका में केंद्र को डीएसपीई अधिनियम की प्रक्रियाओं का पालन करते हुए नियमित सीबीआइ निदेशक की नियुक्ति करने का निर्देश देने की भी मांग की गई है।


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