माल्या, नीरव और चोकसी मामले में राहुल के आरोपों पर CBI का जवाब
पीएनबी घोटाले के संबंध में सीबीआइ ने कहा कि आरोपित हीरा कारोबारी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के देश छोड़कर भागने में उनके अफसरों का कोई हाथ नहीं है।
नई दिल्ली (प्रेट्र)। पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले के संबंध में सीबीआइ ने कहा कि आरोपित हीरा कारोबारी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के देश छोड़कर भागने में उनके अफसरों का कोई हाथ नहीं है। कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी के विजय माल्या को विदेश भागने में मदद करने के आरोपों का भी जवाब देते हुए शनिवार को सीबीआइ ने कहा कि माल्या को गिरफ्तार करने के लिए उस समय तक पर्याप्त सुबूत और आधार नहीं थे।
दरअसल, राहुल गांधी ने ट्वीट करके सीबीआइ पर आरोप लगाया है कि सीबीआइ के संयुक्त निदेशक एके शर्मा ने माल्या के खिलाफ लुकआउट नोटिस को कमजोर किया था। इससे माल्या सुरक्षित बचकर विदेश भाग गया था। शर्मा गुजरात कैडर के अधिकारी हैं। वह सीबीआइ में प्रधानमंत्री के चहेते हैं। यही अधिकारी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के भागने की साजिश में भी शामिल थे।
केंद्रीय जांच ब्यूरो ने इस पर सफाई देते हुए कहा है उसे नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी के खिलाफ शिकायत दोनों के देश छोड़ने के एक महीने बाद मिली थी। जांच एजेंसी के प्रवक्ता ने एक बयान जारी करके कहा कि इसलिए कोई भी सीबीआइ अफसर इन लोगों के देश से भागने में मदद करने में शामिल नहीं है। बैंक से शिकायत मिलते ही सीबीआइ ने तत्काल कार्रवाई शुरू कर दी।
उल्लेखनीय है कि कुछ मीडिया रिपोर्टों में माल्या का मामला देख रहे अतिरिक्त निदेशक शर्मा को भी शामिल बताया गया था। इस पर सीबीआइ ने जांच एजेंसी के तीसरे सबसे बड़े अधिकारी शर्मा का जमकर बचाव करते हुए कहा कि सर्कुलर में संशोधन का फैसला उपयुक्त स्तर पर एक प्रक्रिया के तहत लिया गया था। किसी अकेले आदमी ने इस पर फैसला नहीं लिया था।
उल्लेखनीय है कि सीबीआइ ने अक्टूबर, 2015 में माल्या के विदेश से लौटने के पहले ही एक लुकआउट सर्कुलर जारी किया था। इसमें कहा गया था कि उसके भारत लौटते ही उसे बंदी बनाया जा सकता है। लेकिन कुछ हफ्तों बाद नवंबर में सुर्कलर में बदलाव कर दिए गए। उसे बंदी बनाने के निर्देश को बदलकर उसके आने की सूचना प्रशासन को देने भर की बात कही गई थी।