2019 लोकसभा चुनाव के लिए कैम्ब्रिज एनालिटिका ने कांग्रेस को दिया था ऑफर, विरोधियों ने घेरा
कांग्रेस के डेटा एनालिटिक्स डिपार्टमेंट के प्रभारी प्रवीण चक्रवर्ती ने कहा, पार्टी का कैंब्रिज एनालिटिका के साथ कोई रिश्ता नहीं है।
नई दिल्ली (एजेंसी)। ब्रिटिश कंपनी कैंब्रिज एनालिटिका (सीए) के एक प्रस्ताव को लेकर कांग्रेस फिर विरोधियों के निशाने पर है। कंपनी का 49 पन्नों का यह प्रस्ताव 2019 के आम चुनाव को लेकर है। कंपनी ने इसमें ढाई करोड़ रुपये में कांग्रेस पार्टी को सेवाएं देने का प्रस्ताव दिया था। इस प्रस्ताव पर पार्टी का समझौता हुआ, यह अभी स्पष्ट नहीं है लेकिन कांग्रेस ने इससे पल्ला झाड़ लिया है। कांग्रेस ने कहा है कि वो बड़ा राजनीतिक दल है, उसके पास इस तरह के तमाम प्रस्ताव आते रहते हैं। इसका मतलब यह नहीं कि वह सभी प्रस्तावों को स्वीकार कर लेती है। कांग्रेस ने कैंब्रिज एनालिटिका से कोई सेवा नहीं ली है।
49 पन्ने का प्रस्ताव लीक
ब्रिटिश कंपनी के लीक हुए 49 पन्ने के प्रस्ताव में उसने कांग्रेस को चुनाव में फेसबुक डेटा के जरिए मतदाताओं को प्रभावित करने का प्रस्ताव रखा था। यह प्रस्ताव अगस्त 2017 में किया गया था। लेकिन कांग्रेस के डेटा एनालिटिक्स डिपार्टमेंट के प्रभारी प्रवीण चक्रवर्ती ने इस प्रस्ताव के बारे में कोई जानकारी होने से इनकार किया है। उन्होंने कहा, इस तरह के किसी प्रस्ताव की उन्हें जानकारी नहीं है और न ही कांग्रेस ने ऐसे किसी प्रस्ताव को स्वीकार किया है। पार्टी का कैंब्रिज एनालिटिका के साथ कोई रिश्ता नहीं है। चक्रवर्ती ने कहा, कांग्रेस पार्टी को इस मामले में सफाई देने की जरूरत नहीं है, क्योंकि पार्टी ने इस तरह का प्रस्ताव न देखा है और न ही उसे स्वीकार किया है। कंपनी अपनी तरफ से क्या कहती है, इसका कोई मतलब नहीं है।
पिछले चुनावों में कैंब्रिज एनालिटिका की सेवाएं लेने के भाजपा के आरोपों को कांग्रेस पहले ही गलत ठहरा चुकी है। भाजपा ने कहा था कि लाखों भारतीयों के फेसबुक डेटा लेकर कैंब्रिज एनालिटिका ने उन्हें चुनाव में फायदे के लिए कांग्रेस को उपलब्ध कराया था। कांग्रेस के लिए ताजा प्रस्ताव कैंब्रिज एनालिटिका के पूर्व सीइओ एलेक्जेंडर निक्स की ओर से आया था, जिन्हें विवाद खड़ा होने पर कुछ हफ्ते पहले निलंबित कर दिया गया था। प्रस्ताव में 2019 के चुनाव के साथ ही कर्नाटक, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के चुनाव को लेकर भी विस्तृत रणनीति बनाने का प्रस्ताव किया गया था। प्रस्ताव में उन बिंदुओं पर सुझाव दिया गया था जिन्हें कांग्रेस प्रचार के दौरान इस्तेमाल कर सकती है। प्रस्ताव में पार्टी को फिर से सत्ता तक ले जाने के लिए आवश्यक बिंदुओं का भी जिक्र किया गया है। इसमें पार्टी के सांगठनिक पुनर्गठन का भी सुझाव दिया गया है।