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देश में पहली बार होगा तीन बैंकों का विलय, कैबिनेट ने दी मंजूरी

मोदी कैबिनेट ने बैंक ऑफ बड़ौदा में विजया बैंक और देना बैंक के विलय को हरी झंडी दी।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Wed, 02 Jan 2019 05:49 PM (IST)Updated: Wed, 02 Jan 2019 09:56 PM (IST)
देश में पहली बार होगा तीन बैंकों का विलय, कैबिनेट ने दी मंजूरी
देश में पहली बार होगा तीन बैंकों का विलय, कैबिनेट ने दी मंजूरी

नई दिल्ली, एएनआइ। बैंकिंग क्षेत्र में कंसोलीडेशन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के विजया बैंक और देना बैंक के बैंक आफ बड़ौदा में विलय को मंजूरी दे दी है। एक अप्रैल 2019 से ये तीनों बैंक मिलकर एक हो जाएंगे। विलय के बाद यह बैंक एसबीआइ व आइसीआइसीआई के बाद देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक हो जाएगा।

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पीएम मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने दी मंजूरी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने बैंक ऑफ बड़ौदा में विजया बैंक और देना बैंक के विलय को मंजूरी दी। यह पहली बार है जब सरकार ने तीन बैंकों के एक साथ विलय को मंजूरी दी है। कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि यह विलय एक मजबूत तथा वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बैंक बनाने में मदद मिलेगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि विलय के बाद देना बैंक और विजया बैंक के सभी कर्मचारी बैंक ऑफ बड़ौदा में आ जाएंगे और किसी भी कर्मचारी को निकाला नहीं जाएगा।

बैंक ऑफ बड़ोदा का होगा सबसे बड़ा शेयर
इस बीच बैंक ऑफ बड़ौदा ने शेयर बाजारों को विलय के तहत शेयरों के आदान प्रदान संबंधी फैसले से अवगत करा दिया है। इसके तहत देना बैंक के एक हजार शेयरों के बदले बैंक ऑफ बड़ौदा के 110 शेयर मिलेंगे जबकि विजया बैंक के 1000 शेयरों के बदले 402 शेयर दिये जाएंगे। बुधवार को बैंक ऑफ बड़ौदा के शेयरों के भाव 3.3 प्रतिशत गिरकर 119.40 पर रहा जबकि विजया बैंक का शेयर बिना किसी बदलाव के 51.05 रुपये रहा। बाजार बंद होने के समय देना बैंक के एक शेयर की कीमत 17.95 रुपये थी।

1 अप्रैल 2019 से लागू होगी योजना
सरकारी वक्तव्य में कहा गया है कि विलय की योजना एक अप्रैल 2019 से प्रभावी होगी। विजया बैंक और देना बैंक के सभी स्थायी और नियमित कर्मचारियों को विलय के बाद भी उसी पद, वेतन और भत्ते पर रखा जाएगा जिस पर वे अपने बैंक में कार्यरत थे। विलय के बाद बैंक का बोर्ड यह सुनिश्चित करेगा कि सभी कर्मचारियों के हितों की रक्षा की जाए।

विलय के बाद अर्थव्यवस्था की जरूरतें होंगी आसानी से पूरी
सरकार का कहना है कि विलय के बाद यह बैंक बदलते माहौल में अर्थव्यवस्था की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने, संसाधन जुटाने और आघात सहने में सक्षम होगा। इससे वैश्विक स्तर का बैंक बनेगा। विजया बैंक और देना बैंक का आकार छोटा होने से उनकी भी कुछ खासियतें हैं, इसलिए इसका लाभ भी विलय के बाद बने बैंक को होगा। इससे ग्राहकों को भी बेहतर बैंकिंग सुविधा, उत्पाद और सेवाओं की व्यापक पेशकश और आसान ऋण उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी।

बैंको के कर्मचारी इस विलय के खिलाफ
हालांकि, इस विलय के खिलाफ बैंक कर्मचारी लगातार अपना विरोध जता रहे हैं। पिछले साल 21 और 26 दिसंबर को लगभग 10 लाख बैंक कर्मचारियों ने इस विलय के खिलाफ हड़ताल की थी। इसके पहले पिछले साल भारत सरकार ने देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक में उसके पांच सहयोगी बैंकों और भारतीय महिला बैंक का विलय कर दिया था।  इसके बाद स्टेट बैंक दुनिया के शीर्ष 50 बैंकों में शामिल हो गया। उसी समय केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाली ‘वैकल्पिक व्यवस्था’ ने तीन बैंकों के विलय का निर्णय ले लिया था।

कैबिनट ने नेशनल हेल्थ एजेंसी के रिस्ट्रकचरिंग को भी मंजूरी प्रदान की है। इसके माध्यम से प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का बेहतर तरीके से अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा। अब इसे नेशनल हेल्थ अथॉरिटी के नाम से जाना जाएगा। इसके अलावा कैबिनेट ने अरुणाचल प्रदेश के अनुसूचित जनजातियों की सूची में संशोधन के लिए संविधान (अनुसूचित जनजाति) संशोधन विधेयक 2018 को भी मंजूरी दी है।


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