तीन तलाक केस में मिल सकेगी जमानत, समझौता का रास्ता भी खुला; आज राज्यसभा में पेश होगा बिल
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने संशोधनों के बाद कांग्रेस नेता सोनिया गांधी से राज्यसभा में इस विधेयक को पास कराने में मदद की उम्मीद जताई।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। विपक्ष की मांगों को स्वीकार करते हुए कैबिनेट ने तीन तलाक विधेयक में संशोधनों को हरी झंडी दे दी है। इन संशोधनों के अनुसार तीन तलाक के आरोपी पतियों को न सिर्फ जमानत मिल सकेगी, बल्कि मजिस्ट्रेट के सामने समझौते का विकल्प भी खुला रहेगा।
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने संशोधनों के बाद कांग्रेस नेता सोनिया गांधी से राज्यसभा में इस विधेयक को पास कराने में मदद की उम्मीद जताई। शुक्रवार को राज्य सभा मेंं बिल पेश किया जाएगा। वहीं भाजपा ने शुक्रवार को राज्यसभा में अपने सांसदों की उपस्थिति को लेकर व्हिप जारी किया है।
गौरतलब है कि तीन तलाक विधेयक लोकसभा में पहले ही पास हो चुका है। लेकिन राज्यसभा में संख्या बल के कारण विपक्ष इसका विरोध कर रहा था। विपक्ष और खासकर कांग्रेस इसमें संशोधनों की मांग कर रहे थे। एनडीए की कमजोर स्थिति के कारण विपक्षी सदस्यों को मनाने के लिए विधेयक में संशोधन की जरूरत थी, जिसे कैबिनेट ने मंजूरी दे दी।
संशोधनों में विपक्ष की आपत्तियों को समाहित करने का प्रयास किया गया है।इन संशोधनों के अनुसार अब तीन तलाक के आरोपी पति को जमानत मिल सकती है। मूल विधेयक में यह गैर-जमानती अपराध था। अब मजिस्ट्रेट जमानत दे सकता है। इसके साथ ही मूल विधेयक में किसी पड़ोसी को भी तीन तलाक के मामले में आरोपी के खिलाफ पुलिस में शिकायत करने का अधिकार था। लेकिन अब इसे पत्नी या उसके रक्त संबंधी तक सीमित कर दिया गया है। तीसरे संशोधन के तहत तीन तलाक मामले में आपराधिक प्रक्रिया शुरू करने के पहले समझौता का विकल्प खोला गया है।
इसके तहत यदि पति-पत्नी दोनों चाहे तो मजिस्ट्रेट के सामने आपसी समझौते से तीन तलाक को खत्म करने के समझौता कर सकते हैं। समझौते के बाद आपराधिक कार्रवाई नहीं होगी।तीन तलाक विधेयक में संशोधनों की जानकारी देते हुए रविशंकर प्रसाद ने उम्मीद जताई कि विपक्ष इसे राज्यसभा पास कराने में सहयोग करेगा। संशोधनों के साथ विधेयक के राज्यसभा में पास होने के बाद उसे दोबारा लोकसभा में भेजना पड़ेगा। लोकसभा में इन संशोधनों को हरी मिलने के बाद ही विधेयक को नए संसद से पास माना जाएगा।